सहारा ग्रुप पर ईडी की बड़ी कार्रवाई : ₹1460 करोड़ की 707 एकड़ जमीन जब्त

सहारा ग्रुप पर ईडी की बड़ी कार्रवाई : ₹1460 करोड़ की 707 एकड़ जमीन जब्त
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), कोलकाता ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम, 2002 के तहत लोनावला स्थित आम्बी वैली सिटी के आसपास की 707 एकड़ ज़मीन को अस्थायी रूप से अटैच कर लिया है। इस जमीन की बाज़ार कीमत लगभग ₹1460 करोड़ आंकी गई है। यह ज़मीन सहारा इंडिया और उसकी समूह कंपनियों द्वारा बेनामी नामों पर खरीदी गई थी, जिसमें निवेशकों की गाढ़ी कमाई से डायवर्ट किए गए पैसे का इस्तेमाल किया गया था। जांच में यह सामने आया कि सहारा समूह विभिन्न सहकारी संस्थाओं जैसे हमार इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपरपज़ को-ऑपरेटिव सोसाइटी , स्टार्स मल्टीपरपज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड , सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड , सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड , और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी संस्थाओं के माध्यम से पोंजी स्कीम चला रहा था।

निवेशकों को किया गया गुमराह सहारा समूह ने निवेशकों को अधिक मुनाफे का लालच देकर निवेश के लिए प्रेरित किया और एजेंटों को मोटा कमीशन देने का वादा किया। पैसे इकट्ठा करने के बाद उसे बिना किसी निगरानी और नियंत्रण के गैर-नियमित तरीके से उपयोग किया गया। समय पर परिपक्वता राशि न लौटाकर निवेशकों को जबरन दोबारा निवेश करने के लिए मजबूर किया गया, और एक स्कीम से दूसरी स्कीम में पैसे ट्रांसफर कर उन्हें धोखा दिया गया। गौरतलब है कि ग्रुप ने खातों की हेराफेरी कर पुनर्निवेश को नई इन्वेस्टमेंट की तरह दिखाया, ताकि पुराने निवेश की वापसी का भ्रम पैदा किया जा सके।

इस पोंजी स्कीम को बनाए रखने के लिए लगातार नई डिपॉजिट ली जाती रही, जबकि पहले की मैच्योरिटी राशि चुकाने की स्थिति नहीं थी। बेनामी संपत्तियों में किया गया निवेश, नकद में लेन-देन ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि सहारा समूह ने निवेशकों का पैसा निकालकर बेनामी संपत्तियों में निवेश किया और अपने निजी खर्च व ऐशो-आराम की ज़िंदगी में खर्च किया। साथ ही समूह ने कुछ संपत्तियों को बेचा और बिक्री की राशि का कुछ हिस्सा नकद में प्राप्त किया, जिससे निवेशकों को उनके हक से वंचित किया गया।

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