

कोलकाता : बारिश और धूप की लुकाछिपी भले ही मौसम को सुहावना बना रही हो, लेकिन इसके साथ ही डेंगू का खतरा भी मंडरा रहा है। पिछले कुछ दिनों से जारी असमय बारिश और उसके बाद उमस भरी धूप के चलते मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बन रही हैं, जिससे डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस पर चिंता जताते हुए कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के मेयर फिरहाद हकीम ने पूजा आयोजकों और आम लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की। दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण महानगर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश हुई। अब मौसम साफ होने के साथ ही नमी और आर्द्रता में वृद्धि दर्ज की गई है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के पनपने के लिए बेहद अनुकूल है। यही मच्छर डेंगू वायरस का वाहक होता है।
जमा पानी है सबसे बड़ा खतरा : मेयर
मेयर ने कहा, डेंगू के खिलाफ हमारी सबसे बड़ी लड़ाई जमा हुए पानी के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पूजा पंडालों, विशेष रूप से बड़े आयोजनों वाले क्षेत्रों में पंडाल की सजावट, गमले, कंटेनर, डेकोरेशन सामग्री आदि में पानी रुकने की संभावना अधिक रहती है। इन जगहों पर जलजमाव होने से डेंगू संक्रमण फैलने का भय होता है। मेयर ने सभी पूजा समितियों से आग्रह किया कि वे इस स्थिति को गंभीरता से लें और यदि आवश्यक हो, तो केएमसी अधिकारियों के साथ मिलकर पंडाल परिसरों का निरीक्षण कराएं। इससे यह समझा जा सकेगा कि किन-किन स्थानों पर पानी जमा होने की आशंका है और समय रहते उन पर कार्रवाई की जा सके। गौरतलब है कि कई पूजा समितियां दुर्गा पूजा के बाद उन्हीं पंडालों में काली पूजा का भी आयोजन करती हैं। ऐसे में बीच के अंतराल में पंडाल का ढांचा वैसा ही पड़ा रहता है और उसमें कंटेनर, गमले, फूलदान, सजावटी सामान आदि में पानी रुकने का खतरा और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि डेंगू के खिलाफ एक व्यापक जागरूकता और नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। वेक्टर कंट्रोल विभाग द्वारा सभी 144 वार्डों में निरीक्षण किया जा रहा है। फॉगिंग मशीनों की सहायता से नियमित धुआं छोड़ा जा रहा है। जांच टीमों द्वारा पूजा पंडालों का दौरा और संवेदनशील इलाकों की निगरानी की जा रही है।