

कोलकाता : राज्य साइबर क्राइम विंग (सीसीडब्ल्यू) के डाटा सेंटर में कथित तौर पर सेंधमारी की घटना सामने आने के बाद बंगाल पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। यह सेंटर साइबर अपराधों की जांच में अहम भूमिका निभाता है और इसमें संवेदनशील कानून प्रवर्तन से जुड़ी जानकारियाँ संग्रहित रहती हैं। पुलिस ने बताया कि इस डाटा सेंटर का संचालन कर रही निजी कंपनी ने इस डाटा उल्लंघन को रैनसमवेयर हमले का नतीजा बताया है, लेकिन पुलिस इस दावे से संतुष्ट नहीं है। विधाननगर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कर साजिशन छेड़छाड़ की भी आशंका जताई गई है।
क्या है पूरा मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार 28 जुलाई की सुबह, राज्य साइबर क्राइम डाटा सेंटर में सेवा पूरी तरह बाधित हो गई। जब निजी कंपनी के अधिकारी मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने मौखिक रूप से बताया कि रैनसम वेयर हमले के कारण सभी डाटा और स्टोरेज सिस्टम एन्क्रिप्ट हो गए हैं। शुरुआती जांच में एक रैनसम नोट भी देखा गया। हालांकि, सीसीड्बल्यू को इस बात पर संदेह है कि यह जानबूझकर की गई साजिश हो सकती है। शिकायत में कहा गया है कि हमले के समय कंपनी के पास डाटा सेंटर तक एक्सक्लूसिव रिमोट एक्सेस था।
प्रशासनिक नियंत्रण नहीं सौंपा गया
एफआईआ्रर में आरोप है कि कंपनी को कई बार चेतावनी और बैठकें करने के बावजूद, यहां तक कि 25 जुलाई को डीजी एवं आईजीपी साइबर क्राइम विंग के कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक के बावजूद, कंपनी ने डाटा सेंटर का प्रशासनिक नियंत्रण और ऐक्सेस क्रेडेंशियल्स सौंपने से इनकार कर दिया। मात्र दो दिन बाद, 27 जुलाई को कई जिलों से सी फाइव ऐप्लिकेशन में वीपीएन डिसकनेक्ट और एक्सेस संबंधी समस्याएं सामने आईं।
जांच के घेरे में अधिकारी भी
सूत्रों के अनुसार, कुछ पुलिस अधिकारियों से भी पूछताछ की गई है और कुछ पर कार्रवाई की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई उच्च अधिकारी भी इस मामले में जांच के दायरे में हैं। पुलिस ने बताया कि यह मामला आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, और विश्वासघात जैसी धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया है, साथ ही इसमें आईटी अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी गई हैं।