कमिश्नर ने ट्रैफिक पुलिस को बॉडी कैमरा एसओपी का पालन करने का दिया निर्देश
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने हाल ही में ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बॉडी कैमरों के सही उपयोग किए जाने का निर्देश दिया है। यह निर्देश बंसद्रोणी में घटी एक घटना के बाद दिया गया, जिसमें आरोप था कि स्थानीय ताना के एक एएसआई ने अपने बॉडी कैमरे का उपयोग नहीं किया। आरोप है कि पुलिस अधिकारी ने एक ऐप-बाइक चालक को थप्पड़ मारा था, क्योंकि वह अपने बाइक के दस्तावेज डिजी-लॉकर में होने का हवाला देकर दिखा नहीं पाया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। लालबाजार के अधिकारियों का कहना है कि यदि अधिकारी ने बॉडी कैमरा पहना होता, तो घटना के पहले और बाद की स्थिति स्पष्ट हो सकती थी। इसलिए सभी पुलिस अधिकारियों को एक बार फिर बॉडी कैमरा उपयोग के मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
एसओपी के तहत, सभी पुलिसकर्मियों को सार्वजनिक इंटरएक्शन के दौरान बॉडी कैमरे चालू रखने का निर्देश दिया गया है। ट्रैफिक गार्ड्स से यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनका कैमरा कार्यात्मक हो और ड्यूटी के दौरान इसे वर्दी पर पहनकर रखें। इसके अतिरिक्त, जब भी पुलिसकर्मी किसी संदिग्ध वाहन को रोकते हैं या किसी संदिग्ध से पूछताछ करते हैं या घटना स्थल पर बयान दर्ज करते हैं, तो बॉडी कैमरा चालू करना आवश्यक होगा। गौरतलब है कि वर्ष 2021 से, कोलकाता पुलिस ने सभी थानों और ट्रैफिक पुलिस को किसी भी कानून-व्यवस्था की स्थिति या अपराध के पहले प्रतिक्रिया देने पर बॉडी कैमरा चालू रखने का निर्देश दिया था। एसओपी में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी फुटेज को डिलीट करना हो, तो संबंधित एसीपी से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा और इस पर जीडी एंट्री करनी होगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बॉडी कैमरा फुटेज से न केवल मामले के साक्ष्य मिलते हैं, बल्कि यह पुलिसकर्मियों को नियमों के पालन के लिए भी प्रेरित करता है। चुनावी मौसम में, नाका और चेकपॉइंट्स पर भी पुलिसकर्मियों को बॉडी कैमरा चालू रखने की हिदायत दी गई है।

