रथ की रस्सी खींचने से सीएम के हाथ में पड़ा काला दाग

रथ की रस्सी खींचने से सीएम के हाथ में पड़ा काला दाग

मुख्यमंत्री ममता ने खुद दिखाया निशान
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प्रसेनजीत दासगुप्ता

दीघा : दीघा में आयोजित ऐतिहासिक जगन्नाथ रथयात्रा के शुभारंभ में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सक्रिय भागीदारी ने एक भावुकता को जन्म दिया। रस्म के अनुसार जब मुख्यमंत्री ने नंगे पैर पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी दोनों हाथों से खींची, तब रस्सी के खिंचाव से उनके हाथ में काला दाग पड़ गया। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद जब सीएम ममता बनर्जी मीडिया के प्रतिनिधियों के सामने आईं तो उन्होंने अपने हाथ आगे बढ़ाकर स्वयं वह निशान दिखाया। उनके हाथ पर रथ की मोटी रस्सी की रगड़ का निशान साफ तौर पर देखा जा सकता था। यह केवल एक शारीरिक छाप नहीं, बल्कि उनकी भक्ति और व्यक्तिगत संलग्नता का प्रमाण बन गया। मुख्यमंत्री का यह भाव लोगों के मन पर गहरी छाप छोड़ गया। 

रथयात्रा के दौरान राज्य सरकार के कई मंत्री, अधिकारी और साधु-संन्यासी भी रथ की रस्सी खींचने में भागीदार बने। मुख्यमंत्री के साथ इस शुभ घड़ी में इस्कॉन के राधारमण दास और रामकृष्ण मिशन के संन्यासी भी मौजूद थे, जिन्होंने पूरी निष्ठा के साथ रथ की रस्सी खींची। मुख्यमंत्री के साथ मंत्रियों में भी इस पावन कर्म के प्रति विशेष उत्साह देखा गया। अरूप विश्वास, चंद्रिमा भट्टाचार्य, सुजीत बसु, स्नेहाशीष चक्रवर्ती और इंद्रनील सेन जैसे मंत्री भी पीछे नहीं रहे। रथ की रस्सी खींचते हुए वे भी इस आध्यात्मिक उत्सव का हिस्सा बने। यहां तक कि पुलिस अधिकारी और प्रशासक भी इस सेवा में पीछे नहीं रहे। अंतिम क्षणों में मुख्य सचिव डॉ. मनोज पंत और जिलाधिकारी पूर्णेंदु माझी भी दौड़ते हुए पहुंचे और रस्सी खींची। इसदिन शांति, अनुशासन और भक्ति के संग इस ऐतिहासिक रथयात्रा का समापन हुआ और दीघा के इतिहास में एक बेहद कोमल और भावनात्मक अध्याय दर्ज हो गया।

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