

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टाई ) ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में उत्पन्न स्थिति के मद्देनज़र एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। टाई ने “चलो चलें जम्मू-कश्मीर” नाम से एक विशेष अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में पर्यटन को पुनर्जीवित करना और वहाँ की जनता को रोज़गार में सहायता प्रदान करना है। यह पहल पर्यटन क्षेत्र, समुदाय और उद्योग के बीच मजबूत सहयोग को दर्शाती है।
इस बारे में ट्रैवेल एजेंट्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया, ईस्ट के चेयरमेन व एयरकॉम ट्रैवेल्स के डायरेक्टर अंजनी धानुका ने बताया कि जम्मू-कश्मीर न केवल भारत का बल्कि पूरे विश्व का एक अत्यंत खूबसूरत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है। हाल की घटनाएं इस क्षेत्र की शांति और सौंदर्य को अस्थायी रूप से प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन उसकी पहचान और आकर्षण को मिटा नहीं सकतीं। टाई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पर्यटन केवल एक आर्थिक गतिविधि नहीं है, बल्कि यह शांति और एकता का संदेश भी देता है। पर्यटन वहाँ की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है और इससे हज़ारों परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है। “चलो चलें जम्मू-कश्मीर” अभियान इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगा कि अधिक से अधिक लोग जम्मू-कश्मीर की यात्रा करें और स्थानीय लोगों को रोज़गार का अवसर मिल सके।
इस अभियान के तहत टाई ने कई बड़े कदम उठाए हैं:
सरकारी सहयोग की अपील : संगठन ने जम्मू-कश्मीर सरकार और मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।
होटलों और स्थानीय टूर ऑपरेटर्स से भागीदारी : विशेष पैकेज और सेवाओं की पेशकश कर पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा।
एयरलाइनों से सहयोग: हवाई यात्रा को सस्ता और सुगम बनाने के लिए एयरलाइनों से रियायती किरायों की अपील की गई है।
स्थानीय नेटवर्क का उपयोग : जम्मू-कश्मीर चैप्टर के 100+ सदस्य सक्रिय रूप से इस पहल में भाग ले रहे हैं।
अभियान के पहले चरण में देशभर के टाई की 2400 से अधिक सदस्य कंपनियों के माध्यम से एक मिलियन से अधिक यात्रियों तक पहुंचने का लक्ष्य है। इसके लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और सोशल मीडिया का भरपूर उपयोग किया जा रहा है।
टाई ने हर भारतीय से भावनात्मक अपील की है –
“अपने दिल में जम्मू-कश्मीर के लिए जगह बनाएं,
जम्मू-कश्मीर जाने की योजना बनाएं,
वहां के लोगों का साथ दें,
पर्यटन को फिर से जीवित करें।”
टाई ने सभी संगठनों और नागरिकों से इस प्रयास में सहभागी बनने का आह्वान किया है। यह केवल पर्यटन को बढ़ावा देने का अभियान नहीं है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर में विश्वास, एकता और नवचेतना की लौ जलाने का संदेश है।