

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : परम पूज्य 108 आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज की 25वीं रजत दीक्षा जयन्ती समारोह के अवसर पर श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा पश्चिाम बंगाल शाखा की ओर से 12 अक्टूबर 2025 को कई कार्यक्रम आयोजित किये गये। सर्वप्रथम मंच पर चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन, पाद प्रक्षालन, गुरू पूजा, शास्त्र भेंट, तीर्थ संरक्षिणी महासभा के पदाधिकारी श्री राजकुमार जैन सेठी, राष्ट्रीय महामंत्री, पश्चिम बंगाल शाखा के अध्यक्ष श्री निर्मल पुष्पा बिन्दायक्या, कार्याध्यक्ष श्री सुनील पहाड़िया, महामंत्री श्री मनीष गंगवाल, कोषाध्यक्ष श्री मनोज कासलीवाल, पुरातत्व संयोजक श्री दिनेश गंगवाल, सहमंत्री श्री अमित सेठी, प्रचार मंत्री श्री विजय सरावगी कार्यकारिणी सदस्य श्री राजीव दगड़ा, श्री विकास कासलीवाल एवं उपस्थित गणमान्य महानुभावों के सहयोग से किया गया।
इस अवसर पर श्री भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थ संरक्षिणी महासभा पश्चिम बंगाल की ओर से 25 शूद्र जल त्यागियों, 25 सम्मेदशिखर की तीर्थ वन्दना करने वालों का एवं मंदिर में नियमित रूप से सर्वाधिक पूजापाठ करने वाला का सम्मान किया गया। कुल 83 लोगों का सम्मान हुआ। स्वागत भाषण तीर्थ संरिक्षणी महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री श्री राजकुमार जैन सेठी ने दिया एवं आभार प्रदर्शन श्री निर्मल पुष्पा बिन्दायक्या, अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल द्वारा किया गया।
दूसरे सत्र के दौरान तीर्थ संरक्षिणी महासभा के शिरोमणि संरक्षक श्री धर्मेन्द्र जैन सेठी द्वारा तीर्थ संरक्षिणी महासभा द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका माह सितम्बर 2025 का विमोचन किया गया। तत्पश्चात तीर्थ संरक्षिणी महासभा पश्चिम बंगाल द्वारा आयोजित "महासभा करे पुकार" नामक नृत्य नाटिका का मंचन किया गया। नृत्य नाटिका का निर्देशन श्रीमती हीरामणी छाबड़ा ने किया लेखन का कार्य सुनीता बैनाड़ा एवं नाटक का डाइरेक्शन श्रीमती प्रीती सोगानी द्वारा किया गया। जिसमें पुरुलिया (पश्चिम बंगाल) के प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार की जानकारी नाटक के रूप में प्रस्तुत की गयी। करीब 60 से ज्यादा समाज की महिलाओं एवं बच्चों ने भाग लिया। पूरा हाल खचाखच भरा हुआ था। उपस्थित गणमान्य महानुभावों ने आयोजित कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
तीसरे सत्र का प्रारम्भ गुरू भक्ति एवं आरती के साथ प्रारम्भ हुआ जिसके अंतर्गत सर्वप्रथम महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. श्री निर्मल कुमार जी सेठी की स्मृति में उनके जीवनवृत्त की जानकारी श्री राजकुमार जैन सेठी, महामंत्री एवं उपाध्यक्ष श्री अशोक चूड़ीवाल बरपेटा द्वारा दी गयी। श्री धर्मेन्द्र जैन सेठी ने अपने पूज्य पिताजी द्वारा प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रति समर्पित जीवन की जानकारी दी और जीर्णोद्धार के कार्य में पूर्णरूप से हर तरह का सहयोग देने की स्वीकृति प्रदान की। श्री राजमल जैन कोठारी द्वारा ईशरो की वैज्ञानिक जैन धर्म और विज्ञान पर लिखित पुस्तक "श्रमण संस्कृति की खोज" जिसका प्रकाशन सेठी ट्रस्ट द्वारा किया गया का विमोचन अरुणांचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राजमंत्री श्री ओजिंग तासिंग ने किया। तत्पश्चात श्री राजमल जैन कोठारी द्वारा जैन धर्म की प्राचीनता, दक्षिण अमेरिका में श्रमण संस्कृति का इतिहास और धरोहरों के साक्ष्य पर करीब 1 घंटे का व्याख्यान प्रस्तुत किया गया। जिसे उपस्थित जन समुदाय ने मंत्र मुग्ध होकर सुना।
परम पूज्य आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी महाराज ने महासभा को पूर्णरूपेन आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर श्री प्रदीप जैन ईटानगर वालों ने एक मंदिर जीर्णोद्धार के लिये राशि प्रदान करने की घोषणा के साथ जिन-जिन प्रांतों में तीर्थ संरक्षिणी महासभा द्वारा मंदिरों का जीर्णोद्धार होगा उस मंदिर में यदि मार्बल लगता है तो वह निःशुल्क प्रदान करने की घोषणा की। एक-एक लाख रुपये की 2 स्वीकृतियां प्राप्त हुयीं। उपस्थित सभी लोगों ने आयोजित कार्यक्रम की भरपूर सरहाना की। ये जानकारी पुरातत्व संयोजक दिनेश गंगवाल जी ने प्रदान की ।