

कोलकाता : ब्रेन स्ट्रोक के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला एक विशेष स्टेंट अब जल्द ही भारत में उपयोग के लिए उपलब्ध होगा। इस स्टेंट को हाल ही में भारत के नियामक प्राधिकरणों से मंजूरी मिल गई है। सुपरनोवा स्टेंट रिट्रीवर नाम की यह डिवाइस इस्केमिक स्ट्रोक के मरीजों में खून के थक्कों को हटाने के लिए बनाया गया है। देशभर के 16 प्रमुख अस्पतालों ने इस बहुकेन्द्रीय ट्रायल में भाग लिया था। पूर्वी भारत से केवल सीएमआरआई अस्पताल ही इस ट्रायल में शामिल था। विशेषज्ञों के अनुसार यह डिवाइस एक कैथेटर के जरिए मस्तिष्क में बने खून के थक्के तक पहुंचाई जाती है। इसकी जालीदार संरचना उस थक्के को पूरी तरह पकड़ लेती है और फिर उसे खींच कर बाहर निकाल लिया जाता है, जिससे अवरुद्ध रक्त प्रवाह दोबारा सामान्य हो जाता है।
सीएमआरआई के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर और न्यूरोइंटरवेंशनलिस्ट डॉ. दीप दास ने बताया, 'इस डिवाइस से स्ट्रोक के इलाज में एक बड़ा बदलाव लाने की संभावना है। ट्रायल ने यह भी दिखाया कि भारत अब उच्च गुणवत्ता वाले मेडिकल रिसर्च और डिवाइस परीक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।' डिवाइस की वर्तमान कीमत करीब 3.5 लाख रुपये है और इसे केवल एक बार ही उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, दो महीनों के भीतर इसका निर्माण भारत में ही शुरू हो जाएगा, जिससे इसकी कीमत लगभग 50 प्रतिशत तक घट जाएगी। बांगुर इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज के प्रोफेसर डॉ. बिमान कान्ति रे ने कहा कि भारत में ब्रेन स्ट्रोक के करीब 70 प्रतिशत मामले इस्केमिक स्ट्रोक के होते हैं, जिनमें बड़े रक्त वाहिकाएं बंद हो जाती हैं। सीएमआरआई, कोलकाता के यूनिट हेड सोमव्रत राय ने कहा, 'पूर्वी भारत के एकमात्र अस्पताल के रूप में इस ट्रायल में भाग लेना हमारे लिए गर्व की बात है। यह हमारी क्लीनिकल विशेषज्ञता, रिसर्च और नवाचार को एक साथ लाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'