

रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) द्वारा कथित रूप से गलत सत्यापन किए जाने के कारण एक मूल मतदाता का नाम फाइनल ड्राफ्ट मतदाता सूची से बाहर कर दिए जाने का मामला सामने आया है। यह घटना सोनारपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के सोनारपुर ब्लॉक के गाजीपुर रोड ईस्ट, वार्ड संख्या 3 की बताई जा रही है। इस घटना को लेकर पीड़ित परिवार ने प्रशासन से शिकायत कर न्याय की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मतदाता निर्मल कुमार भट्टाचार्य नौकरी के सिलसिले में लंबे समय से बाहर रहते हैं। इसी दौरान बीएलओ द्वारा सत्यापन प्रक्रिया पूरी की गई। आरोप है कि बीएलओ ने न तो मतदाता के माता-पिता से बातचीत की और न ही स्वयं मतदाता से संपर्क करने का प्रयास किया। इसके बजाय मतदाता के भाई के बेटे से एक लिखित बयान (स्टेटमेंट) लेकर निर्मल कुमार भट्टाचार्य का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया।
मतदाता सूची से नाम हटाने पर विवाद: पत्नी ने प्रशासन से की शिकायत, निष्पक्ष जांच की मांग
इस मामले को लेकर मतदाता की पत्नी चैताली भट्टाचार्य ने दक्षिण 24 परगना जिला शासक कार्यालय, अलीपुर में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने प्रशासन से सहयोग की मांग करते हुए अपने पति का नाम पुनः मतदाता सूची में जोड़ने की अपील की है। शिकायत में उन्होंने पूरे सत्यापन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। चैताली भट्टाचार्य का कहना है कि यदि बीएलओ ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार ईमानदारी और जिम्मेदारी से कार्य किया होता, तो उनके पति का नाम मतदाता सूची से रद्द नहीं किया जाता। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना उचित जांच और पुष्टि के की गई कार्रवाई से एक योग्य मतदाता अपने संवैधानिक अधिकार से वंचित हो गया है। पिड़िता ने प्रशासन और चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनके पति का नाम किसी भी स्थिति में मतदाता सूची में दोबारा शामिल किया जाए। फिलहाल प्रशासन की ओर से मामले की जांच किए जाने की बात कही जा रही है। अंत में मतदाता की पत्नी चैताली ने जिला प्रशासन के सहयोग की सराहना की है। डीएम अरविंद कुमार मिणा ने पीड़ित परिवार को सहयोग का आश्वसन दिया है।