करोड़ों के नकली नोट दिखाकर लोगों से ऐंठ लेते थे लाखों रुपये

संदेशखाली जाली नोट मामले में पुलिस ने किया खुलासा
करोड़ों के नकली नोट दिखाकर लोगों से ऐंठ लेते थे लाखों रुपये
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कोलकाता : संदेशखाली के धामाखाली मार्केट से जाली नोट जब्त करने के मामले में पुलिस ने एक और महिला को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त का नाम तिस्ता उर्फ मुनिया सेन है। पुलिस ने बीरभूम से उसे पकड़ा है। अभियुक्त से पूछताछ में पता चला कि वह एक संगठित गिरोह की सदस्य है। इस गिरोह का सरगना अभिषेक तिवारी है। उसे गत फरवरी महीने में कोलकाता पुलिस ने एक साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार किया था। जेल से रिहा होने के बाद अभिषेक अपने साथी तिस्ता के साथ एक नया फर्जीवाड़ा शुरू किया। उसने इसके लिए पहले महेशतल्ला के रहनेवाले देवव्रत से संपर्क किया। देवव्रत का प्रिंटिंग का व्यवसाय है। उसने देवव्रत से असली नोट जैसे दिखने वाले बच्चों के खेलने वाले करोड़ों रुपये के नोट छपवाए। इसके बाद उसने नकली नोट के ऊपर असली नोट रखकर आसनसोल और दुर्गापुर के विभिन्न व्यवसायियों को 4 प्रतिशत ब्याज दर पर करोड़ों का लोन देने का लालच देने लगा। उसके लुभावने ऑफर में आकर बर्नपुर का रियल इस्टेट कारोबारी शुभाशीष आचार्य फंस गया। अभिषेक ने शुभाशीष को वीडियो कॉल में करोड़ों के नकली नोटों को असली बताकर दिखाया और फिर 30 करोड़ रुपये का ऋण देने के नाम पर उसके पास से 22 लाख रुपये ले लिये। आरोप है कि व्यवसायी से रुपये लेने के बाद अभियुक्त फरार हो गया। घटना को लेकर व्यवसायी ने पुलिस में शिकायत की है। इस बीच धामाखाली में पकड़े गये लोगों से पूछताछ में पुलिस को अभिषेक के बारे में पता चला। फिलहाल पुलिस मामले में फरार अभिषेक तिवारी की तलाश कर रही है।


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