पश्चिम बंगाल में उद्योगों के लिए प्रोत्साहन योजना रद्द, नई नीति की तैयारी

पिछली 10 योजनाएं कर दी गयीं रद्द
Industry in Bengal
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कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में उद्योगों के विकास के लिए सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता (इंसेंटिव) को रद्द करने की घोषणा की है। बुधवार को विधानसभा में विधेयक लाकर इस आर्थिक सहायता को रद्द कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक उद्यमों में ढांचागत विकास के कारण अब सहायता की आवश्यकता नहीं है। इसलिए इसे रद्द किया जाता है। इसके आधार पर राज्य सरकार ने राज्य में भारी उद्योगों की स्थापना की जटिलता को कम करने के लिए पिछली 8 औद्योगिक और 2 पर्यटन संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं को वापस ले लिया है। इनमें से वाम सरकार (1993-2008) की 7 और तृणमूल सरकार की 3 योजनाएं रद्द कर दी गईं। वहीं, बुधवार को उद्योग मंत्री शशि पांजा ने विधानसभा में एक नया विधेयक पेश किया जिसका नाम है-रिवोकेशन ऑफ वेस्ट बंगाल इंसेंटिव स्कीम एंड ऑब्लिगेशन इन द नेचर आर्फ ग्रांट एंड इंसेंटिव बिल, 2025। इसके चलते पहले की योजनाओं के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी गई।

राज्य प्रोत्साहन योजना क्या है?

गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न जिलों, विशेषकर पिछड़े जिलों में औद्योगिक विकास के लिए उद्योगपतियों और निवेशकों को कुछ 'प्रोत्साहन' सहायता (इंसेंटिव) दी जाती थी। इस वित्तीय सहायता के माध्यम से व्यवसायियों को उन जिलों में निवेश के लिए आकर्षित किया जाता था। यह व्यवस्था वाम शासनकाल से चली आ रही थी। बुधवार को विधानसभा में संबंधित विधेयक लाकर 'प्रोत्साहन' प्रथा को रद्द कर दिया गया। इस संदर्भ में सरकार ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि पहले उद्योग के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा नहीं था। इसलिए सरकार की ओर से निवेशकों को यह अतिरिक्त लाभ दिया जाता था लेकिन वर्तमान में राज्य के सभी जिलों में उद्योग स्थापित करने के लिए विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हैं। पानी, बिजली आदि सभी क्षेत्रों में काफी विकास हुआ है। इसलिए अब इस 'अतिरिक्त' आर्थिक सहायता की कोई जरूरत नहीं है।

एक अद्यतन योजना विकसित की जाएगी

इस संदर्भ में सीएम ममता ने विधानसभा में कहा कि वाम शासन के दौरान किसी ने भी अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभाया। अब प्रदेश में निवेश आ रहा है। विभिन्न सामाजिक परियोजनाओं को फिर से शुरू किया गया है। इसमें पैसा खर्च होता है। कौन सा रखा जाएगा और कौन सा नहीं, ये देखना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी गयी है। एक टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। वे अलग-अलग जगहों पर बात करेंगे और नए प्रोजेक्ट लेकर आएंगे। इसीलिए इस प्रोत्साहन को फिलहाल रद्द कर दिया गया है। दरअसल, 20 साल पहले जो था और अब जो है, उसमें बहुत अंतर है। सीएम ने यह भी कहा कि पहले सूचना प्रौद्योगिकी को लेकर इतना अभ्यास नहीं था। अब एआई तकनीक पर कई काम हो रहे हैं। हमारे पास बंगाल में कोयला है। इस पर एक राष्ट्रीय नीति है लेकिन हम खनन पर एक राज्य नीति की मांग करते हैं। वह आशावादी हैं, अब नये विचार जुड़ रहे हैं, नवप्रवर्तन हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल इस विधेयक को मंजूरी देंगे। उनसे विचार विमर्श के बाद हम नई नीति लेकर आएंगे। इस संदर्भ में राज्य के उद्योग मंत्री शशि पांजा ने कहा कि सीएम के निर्देशानुसार, एक अद्यतन योजना बनाने के लिए क्या-क्या बातें रखनी होंगी, इसके लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति का गठन पहले ही किया जा चुका है। कमेटी एक माह के अंदर अपनी राय देगी। तदनुसार, एक अद्यतन योजना विकसित की जाएगी।

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