

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : भारतीय खिलौना उद्योग वैश्विक परिवर्तन कर रहा है और अपने स्वर्णिम काल में पहुंच चुका है। 2017 से पहले यह उद्योग पूरी तरह से चीन पर निर्भर था, जो कुल भारतीय बाजार का लगभग 80% था। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा सख्त गुणवत्ता नियंत्रण नीति के बाद चीन से घटिया खिलौनों का आयात कम हो गया और भारतीय बाजार की मांग को पूरा करने के लिए खिलौना आयातक बड़े पैमाने पर निर्माता बन गए। बता दें कि बंगाल खिलौना उद्योग का केंद्र है। यह एमएसएमई के अंतर्गत आता है और भारत में नंबर वन है। इसे लेकर भारत ट्वॉय एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय बिंजराजका ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से खिलौना उद्योग पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया और उद्योग मंत्री डॉ. शशि पांजा से अनुरोध किया है कि वे खिलौना उद्योग पर ध्यान दें और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए खिलौनों पर राज्य की व्यापार नीति का प्रस्ताव करें ताकि कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे अन्य राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा की जा सके।
संघ बंगाल में पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए कर रहा है कड़ी मेहनत
उन्होंने कहा कि हमारा संघ बंगाल में एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, ताकि इसे खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाया जा सके। पश्चिम बंगाल समुद्री बंदरगाह, उत्तर पूर्व क्षेत्र में बेहतर लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी, श्रम उपलब्धता, कच्चे माल की सोर्सिंग आदि के कारण घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खिलौनों के निर्माण और निर्यात के लिए सबसे अच्छी भौगोलिक स्थिति है। बिंजराजका ने कहा कि भारत खिलौना संघ पश्चिम बंगाल में खिलौना उद्योग का विस्तार करने के लिए राज्य सरकार के साथ हाथ मिलाने में रुचि रखता है, ताकि रोजगार और निवेश प्रदान किया जा सके। उन्होंने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2020 में भारत ने 235 मिलियन डॉलर मूल्य के चीनी खिलौनों का आयात किया था, यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2024 तक गिरकर केवल 41 मिलियन डॉलर रह गया और लगातार घट रहा है।
भारत की हिस्सेदारी वर्तमान में मात्र 0.5%
वैश्विक खिलौना निर्यात बाजार में भारत की हिस्सेदारी वर्तमान में मात्र 0.5% है। इस संबंध में कैलिफोर्निया स्थित एमजीए एंटरटेनमेंट के सीईओ आइजैक लारियन ने कहा कि अमेरिका के खिलौनों का लगभग 77% आयात चीन से होता है, लेकिन इस उच्च टैरिफ के बाद यह निश्चित रूप से धीमा हो जाएगा। इस संदर्भ में अक्षय बिंजराजका ने कहा कि भारतीय खिलौना उद्योग और अमेरिकी खिलौना बाजार लगातार बढ़ रहा है, जो करीब 41.7 बिलियन डॉलर है, जो वैश्विक खिलौना बाजार का 39% है। चूंकि अमेरिका ने चीन पर टैरिफ लगाया है, इसलिए भारत के पास अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों को भी खिलौना निर्यात करने का मौका है।