एयरपोर्ट पर विजिटर्स एंट्री बंदी पर बीसीएएस की सफाई : कहा – हमारी ओर से नहीं है कोई रोक

एयरपोर्ट पर विजिटर्स एंट्री बंदी पर बीसीएएस की सफाई : कहा – हमारी ओर से नहीं है कोई रोक
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : कोलकाता एयरपोर्ट पर विजिटर्स एंट्री को लेकर मचा विवाद अब एक नई दिशा में मुड़ गया है। एयरपोर्ट पर आम नागरिकों और यात्रियों के परिजनों को टर्मिनल के भीतर प्रवेश की अनुमति न दिए जाने पर जहां लोगों में नाराजगी है, वहीं सुरक्षा एजेंसी बीसीएएस (ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी) के सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इस फैसले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। बीसीएएस सूत्रों से पता चला है कि विजिटर्स पास जारी करना या उसे रोकना पूरी तरह से एयरपोर्ट प्रबंधन का अधिकार क्षेत्र है। बीसीएएस ने इस संबंध में कोई रोक न पहले लगाई है, न अब कोई ऐसा निर्देश जारी किया गया है। बीसीएएस केवल सुरक्षा मानकों की निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाती है।

पहले जारी किया जाता था विजिटर एडमिशन टिकट

यह विदित हो कि पूर्व में नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के आगमन क्षेत्र में विजिटर एडमिशन टिकट का प्रावधान था। आम जनता को एक निर्धारित शुल्क का भुगतान कर विजिटर एडमिशन टिकट मिल जाता था जिससे वे अपने मित्र एवं सगे-सम्बंधियों को आगमन हॉल से रिसीव कर पा रहे थे। 2020 में कोविड-19 के दौरान लागू किए गए स्वास्थ्य मानकों के कारण यह व्यवस्था स्थगित कर दी गई थी। उसके बाद यह सुविधा दोबारा शुरू नहीं की गई। सूत्रों के अनुसार इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कोलकाता एयरपोर्ट को अति संवेदनशील घोषित किया जाना, वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य की वर्तमान परिस्थिति में लगातार मिल रही बम होने की धमकियां, सुरक्षा कर्मियों की कमी, यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या के अनुरूप पर्याप्त आधारभूत संरचना का अभाव। अगर एयरपोर्ट प्रबंधन और अन्य संबंधित एजेंसियां तैयार हों, तो विजिटर्स एंट्री की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकती है।

सन्मार्ग की रिपोर्ट का असर

सन्मार्ग की खबर प्रकाशित होने के बाद बीसीएएस ने त्वरित संज्ञान लेते हुए हवाई अड्डा टर्मिनल बिल्डिंग में हो रहे आवागमन की जांच शुरू कर दी है। एयरपोर्ट किसी भी प्रकार के अवैध प्रवेश से सुरक्षा संबंधित गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं। वैश्विक आतंकवाद के इस दौर में अक्सर एयरपोर्ट या एयरक्राफ्ट में बम होने की धमकियां आती रहती हैं। सुरक्षा संबंधित किसी भी चूक को रोकना और जवाबदेही तय करना बीसीएएस की प्राथमिकता है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की सुरक्षा चूक न हो।

नियमों की अनदेखी पर कड़ी निगरानी

बीसीएएस की गाइडलाइंस के अनुसार, प्रत्येक यात्री की जांच हेतु एक औसत समय निर्धारित होता है। हाई अलर्ट के समय सघन सुरक्षा जांच सुनिश्चित की जाती है। चूंकि सुरक्षा एक सम्मिलित जिम्मेदारी होती है इसलिए यात्रियों से सुरक्षा जांच मे पूर्ण सहयोग अपेक्षित होता है वहीं सुरक्षा जांच में लगे कार्मिकों एवं एयरलाइन की जिम्मेवारी होती है की वे सुरक्षा जांच निर्धारित समय में बिना किसी सुरक्षा संबंधी चूक के पूर्ण करें। सुरक्षा प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की रियायत का कोई विकल्प नहीं होता है।

यात्रियों की लंबी कतारों में एयरलाइंस की भूमिका पर भी नजर

अक्सर ये शिकायतें आती रहती हैं कि कुछ बोर्डिंग गेट्स पर सुरक्षा प्रक्रिया बहुत धीमी हो रही है, जिससे लंबी कतारें लग रही हैं। बीसीएएस सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में कोलकाता एयरपोर्ट में यात्रियों का आवागमन काफी बढ़ गया है और अगले कुछ वर्षों में यह संख्या और भी ज्यादा बढ़ने का आकलन किया गया है। इन परिस्थितियों में एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग का विस्तार ही एकमात्र विकल्प है जिसपर सक्रिय रूप से कार्य प्रगति पर है। आने वाले समय में टर्मिनल बिल्डिंग के विस्तार के उपरांत लंबी कतारों की समस्या का निवारण हो जाएगा। यदि एयरलाइंस और टर्मिनल प्रबंधन बोर्डिंग प्रक्रिया को सरल बनाने की दिशा में कार्य करें तो निश्चित रूप से इन कतारों को कम किया जा सकता है। यात्रियों को सेल्फ चेक-इन कीऑस्क, सेल्फ बैगिज ड्रॉप सुविधाओं के उपयोग हेतु प्रोत्साहित करने से भी काफी हद तक इस समस्या से निपटा जा सकता है।

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