15 हजार में बांग्लादेशियों के लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्र व नौकरी की व्यवस्था करता है दलालों का गिरोह!

कालीघाट थाने की पुलिस ने नैजात से दलाल को किया गिरफ्तार

15 हजार में बांग्लादेशियों के लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्र व नौकरी की व्यवस्था करता है दलालों का गिरोह!
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कोलकाता : फर्जी पहचान पत्र के जरिए भारतीय बनकर रहनेवाले एक बांग्लादेशी व्यक्ति की गिरफ्तारी के मामले में पुलिस को महत्वपूर्ण तथ्य हाथ लगे हैं। अभियुक्त आजाद से पूछताछ में पता चला कि मात्र 15 हजार रुपये लेकर दलालों ने उसे फर्जी भारतीय पहचान पत्र दिया था। इस मामले में कालीघाट पुलिस थाने के अधिकारियों ने दलाल गिरोह के मुखिया जफर अली को उत्तर 24 परगना के नैजात से गिरफ्तार कर लिया है। उस पर आजाद शेख नामक एक बांग्लादेशी से संबंध रखने का आरोप है। पुलिस को उससे पूछताछ के बाद कुछ सनसनीखेज जानकारी मिली है।

क्या है पूरा मामला

पुलिस ने बताया कि अक्टूबर 2023 में बांग्लादेश के फरीदपुर निवासी आजाद शेख अवैध रूप से बनगांव सीमा में घुस आया था। उसे दोनों देशों के दलाल सिंडिकेट के सदस्यों ने सहायता प्रदान की। आज़ाद ने इस पर पाँच हज़ार रुपये खर्च किया। पुलिस को पता चला कि दलाल गिरोह के सदस्य ने आजाद को कई दलालों से मिलवाया था। उनमें से एक ने आज़ाद को बनगांव से दमदम लाने का प्रबंध किया। उन्होंने आज़ाद के लिए दमदम में पेइंग गेस्ट के रूप में रहने की भी व्यवस्था की। उन दलालों के माध्यम से ही जफर की उससे मुलाकात हुई थी। जफर ने उसे एक पैकेज की पेशकश करते हुए कहा कि 15,000 रुपये के बदले वह आजाद का आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और कुछ अन्य पहचान दस्तावेज बनवा देगा। चूंकि आजाद बांग्लादेश के फरीदपुर में गाड़ी चलाता था, इसलिए खबर मिली कि उसके लिए कोलकाता में भारतीय पहचान के साथ ड्राइवर की नौकरी की व्यवस्था की जाएगी। 15,000 रुपये लेते हुए जफर ने अपना परिचय आजाद के बड़े भाई के रूप में दिया। इसके बाद आजाद का आधार कार्ड उत्तर 24 परगना के पूर्वी शंकरदह से बनवाया गया। चूंकि जफर ने आजाद को अपना भाई बताया, इसलिए आधार कार्ड पर आजाद और जफर के पिता का नाम एक ही है। पुलिस के अनुसार, जफर ने विभिन्न पंचायतों और नगर पालिकाओं में कई बांग्लादेशियों को अपना भाई बताकर फर्जी आधार कार्ड बनवाए थे। इसके बाद उसने उस फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर विभिन्न फर्जी पहचान पत्र और दक्षिण कोलकाता के कस्बा आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया। सूत्रों के अनुसार, वह उत्तर 24 परगना में मतदाता पहचान पत्र एकत्र करने की तैयारी कर रहा था। जफर ने उस मामले में भी उसकी मदद की। आज़ाद को ड्राइविंग लाइसेंस के साथ एक दफ़्तर में नौकरी मिल गई। हाल ही में उसने कालीघाट में एक पुलिस अधिकारी को अपनी बाइक से टक्कर मारकर घायल कर दिया था। जब उसे गिरफ्तार किया गया तो पता चला कि वह बांग्लादेशी था। पुलिस ने कहा कि वह उससे और जफर से पूछताछ कर रही है तथा अन्य दलालों की तलाश की जा रही है।

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