

विधाननगर : सॉल्टलेक की एक अदालत ने शुक्रवार को राजगंज के बीडीओ प्रशांत बर्मन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। यह आदेश कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित 72 घंटे की समय सीमा समाप्त होने के एक दिन बाद आया है। हाईकोर्ट ने स्वर्ण व्यवसायी हत्या मामले में बर्मन की अग्रिम जमानत रद्द करते हुए उन्हें पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। यह समय सीमा गुरुवार शाम 8 बजे समाप्त हो गयी थी। राज्य सरकार की ओर से अदालत में गिरफ्तारी वारंट की अपील करते हुए सरकारी वकील ने बताया कि प्रशांत बर्मन फरार हो चुके हैं और किसी अन्य राज्य में उनके छिपे होने की आशंका है। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित की शीघ्र गिरफ्तारी और पूछताछ की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पहले, इसी सप्ताह कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने बारासात की अतिरिक्त जिला अदालत द्वारा बर्मन को दी गई अग्रिम जमानत पर सवाल उठाया था और 72 घंटे के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। सूत्रों के अनुसार, प्रशांत बर्मन ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। मामले के विशेष लोक अभियोजक विभाष चटर्जी ने कहा, “निर्धारित समय सीमा समाप्त हो चुकी है, लेकिन अब तक न तो उन्होंने आत्मसमर्पण किया है और न ही बिधाननगर पुलिस से कोई संपर्क किया है। इसी कारण हमने गिरफ्तारी वारंट की मांग की।” प्रशांत बर्मन साल्ट लेक के स्वर्ण व्यवसायी स्वपन कमिल्ला की हत्या के मामले के मुख्य आरोपित हैं। 30 अक्टूबर को न्यू टाउन इलाके से स्वपन कमिल्ला का शव बरामद किया गया था। कई गवाहों ने बयान दिया है कि डुट्टाबाद स्थित दुकान से कमिल्ला का अपहरण नीली बत्ती लगी गाड़ी में बर्मन द्वारा किया गया था और बाद में उन्हें कथित तौर पर यातना दी गयी। आरोप है कि स्वपन कमिल्ला ने बर्मन के डॉग ट्रेनर से एक सोने की छड़ खरीदी थी, जिसे ट्रेनर ने बर्मन के घर से चोरी किया था। शव मिलने के बाद कमिल्ला की पत्नी ने प्रशांत बर्मन के खिलाफ हत्या की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस अब तक बर्मन के पांच सहयोगियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 26 नवंबर को बारासात की अदालत ने बर्मन को अग्रिम जमानत दी थी, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया।