

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एयरपोर्ट से उड़ने वाली सभी उड़ानों में इन दिनों लगभग पूरी सीटें भर रही हैं। पिछले हफ्ते बड़े पैमाने पर देरी और रद्दीकरण के बाद यात्रियों का भरोसा हिला था, लेकिन अब स्थिति तेजी से सुधरी है। सूत्रों के मुताबिक सोमवार, मंगलवार और बुधवार को कोलकाता से उड़ने वाली लगभग सभी उड़ानों में 90 प्रतिशत से ज्यादा लोड दर्ज किया गया। बढ़ती मांग को देखते हुए एयर इंडिया ने कुछ घरेलू रूटों, जैसे कोलकाता–दिल्ली, पर अंतरराष्ट्रीय सेक्टर में चलने वाले वाइड-बॉडी विमान भी तैनात किए हैं। एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, आकासा एयर और स्पाइसजेट के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि इंडिगाे के संकट के बाद उनके यात्री भार में तेजी से वृद्धि हुई है।
एक अधिकारी के मुताबिक, “कुछ सेक्टरों में 15 से 20 प्रतिशत तक लोड बढ़ गया है। ज्यादातर रूट अब लगभग फुल लोड पर चल रहे हैं।” सर्दियों में आमतौर पर यात्री संख्या बढ़ती है, लेकिन यह चरम भीड़ दिसंबर के मध्य में आती है। इस साल यह रश समय से पहले दिखाई दे रहा है। इंडिगाे को पिछले सप्ताह के रद्दीकरण और देरी के बाद बुकिंग में गिरावट का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब उसने जोरदार वापसी की है। मंगलवार और बुधवार को उसके वीकडे उड़ानों में पूरी सीटें भर गईं। इंडस्ट्री विशेषज्ञों के अनुसार, इंडिगाे के उड़ानों की संख्या अभी भी नवंबर की तुलना में कम है, जिससे कुल क्षमता घटी और मांग बढ़ी। इसके साथ ही पिछले हफ्ते लागू हुए किराया कैप ने इंडिगाे के किराए को और आकर्षक बना दिया है।
ट्रैवेल एजेंटो ने यह कहा
ट्रैवल एजेंटों में TAAI के चेयरमैन अंजनी धानुका का कहना है कि यात्रियों की पसंद कुछ ही दिनों में नाटकीय रूप से बदल गई। कोलकाता से इंडिगाे रोजाना लगभग 110 उड़ानें संचालित करती है, जबकि एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, आकासा और स्पाइसजेट मिलकर करीब 60 उड़ानें चलाते हैं। इंडिगाे इस विंटर शेड्यूल में लगभग 10 प्रतिशत कम उड़ानें चला रही है, जिसे कवर करने की कोशिश अन्य एयरलाइन्स कर रही हैं, लेकिन मांग फिर भी बहुत ज्यादा है। पिछले सप्ताह के रद्दीकरण के कारण यात्रियों ने घबराकर दूसरी एयरलाइन्स में आखिरी वक्त की बुकिंग की, जिसमें उन्हें बहुत महंगा किराया देना पड़ा। इस वजह से गैर-इंडिगो उड़ानें भी हफ्ते की शुरुआत में ही फुल हो गईं।
TAFI (ईस्ट) के चेयरमैन अनिल पंजाबी ने कहा, “इंडस्ट्री इस एयरलाइन का समर्थन करती है। बस उम्मीद है कि ऐसी स्थिति दोबारा न बने।” सप्ताह भर बंगलुरू, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद के रूट पूरी तरह भरे रहे हैं। देर रात और तड़के सुबह की उड़ानों में भी लगभग सभी सीटें भर चुकी हैं। इम्फाल, भुवनेश्वर और पुणे जैसे रूटों पर कुछ ही सीटें बची हैं, वो भी प्रीमियम किराये पर। मांग बढ़ने से कई यात्रियों की यात्रा योजना भी बिगड़ी है।