कोलकाता: शहर में वायु प्रदूषण चिंता का विषय बनता जा रहा है। हजारों लोग लंबे समय से सूखी खांसी से पीड़ित हैं। कई लोगों के लिए एक महीने या उससे अधिक समय तक बनी रहती है। इनमें अधिकतर मध्यम आयु वर्ग के पुरुष हैं जो पहले ही कोरोना पॉजिटिव रह चुके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इसका एक कारण सर्दी में प्रदूषण और अन्य पर्यावरण से जुड़े कारण है।
एक इंटरव्यू में फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर जॉयदीप घोष ने कहा कि सूखी खांसी वाले मरीजों में 10 में से 4 लोग ऐसे हैं जिन्हें पहले भी कोविड हुआ था। मरीजों को 3-4 हफ्ते तक सूखी खांसी परेशान कर रही है। एक और डॉक्टर राहुल जैन के मुताबिक पिछले कुछ दिनों में, मैंने दो महीनों से लगातार सूखी खांसी से पीड़ित कम से कम 40 रोगियों को देखा है। जबकि धूम्रपान करने वालों के बीच ऐसी समस्याएं आम हैं। इस समस्या से पीड़ित लोगों में धूम्रपान न करने वालों की भी संख्या अच्छी खासी है।
डॉक्टर जैन ने आगे कहा कि कोलकाता में वायु प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में ज्यादातर पुरुषों को ऐसी समस्या हो रही है क्योंकि उनमें से अधिकतर लोग बाहरी गतिविधियों में लगे रहते हैं और उन्हें अक्सर उच्च प्रदूषण स्तर वाले क्षेत्रों में जाना पड़ता है।
‘एंटीबायोटिक दवाओं का दुरुपयोग न करें’
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब मरीज लक्षणों को सामान्य फ्लू के लक्षण समझ लें तो एंटीबायोटिक दवाओं का दुरुपयोग न करें। वास्तव में, डॉक्टरों ने कहा कि इनमें से कई मरीज़ स्वयं-दवा से राहत देने में विफल होने के बाद डॉक्टरों के परामर्श के लिए आ रहे हैं। एनआरएस मेडिकल कॉलेज के एक मेडिसिन विशेषज्ञ ने कहा कि लोग सूखी खांसी को आम फ्लू समझ रहे हैं और काउंटर से खरीदी गई एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है क्योंकि इससे राहत मिलने के बजाय एंटीबायोटिक प्रतिरोध पैदा हो सकता है।
कैसे करें इससे बचाव ?
डॉक्टरों के मुताबिक सूखी खांसी से बचने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय किये जा सकते हैं। इनमें गुनगुना पानी पीना, शहद और अन्य प्राकृतिक चीजों को पीना चाहिए। वहीं, दही, आइसक्रीम जैसी चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए।