आखिर मकर संक्रांति पर क्यों खाते है दही-चिवड़ा, क्या है इसका महत्व?

आखिर मकर संक्रांति पर क्यों खाते है दही-चिवड़ा, क्या है इसका महत्व?
Published on

कोलकाता : मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है, जो हर साल जनवरी महीने में मनाया जाता है। यह दिन सूर्य के उत्तरायण होने का प्रतीक है, जब सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में गोचर करते हैं। इस दिन को लेकर कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं प्रचलित हैं, जिनमें से एक प्रमुख परंपरा है दही-चिवड़ा खाने की। आइए जानते हैं, मकर संक्रांति पर दही-चिवड़ा क्यों खाते हैं और इसके पीछे का महत्व क्या है।

धार्मिक महत्व: दही-चिवड़ा का सूर्य देव से संबंध

मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव को दही-चिवड़ा चढ़ाने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। सूर्य देव के प्रसन्न होने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। साथ ही, यह भी कहा जाता है कि दही-चिवड़ा खाने से कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, जिससे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा और ग्रह दोषों का नाश होता है।

यह परंपरा विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रचलित है, जहां लोग मकर संक्रांति के दिन दही-चिवड़ा खाकर अपने परिवार और समुदाय की खुशहाली की कामना करते हैं।

स्वास्थ्य लाभ और शुद्धता

दही-चिवड़ा सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी फायदेमंद है। दही और चिवड़े का संयोजन शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है। यह एक हल्का और पोषक तत्वों से भरपूर आहार है, जो पेट को संतुष्ट रखता है और पाचन में मदद करता है।

 

दही-चिवड़ा खाने के प्रमुख स्वास्थ्य लाभ:

  1. पाचन में सहायक: दही में प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों की सेहत को सुधारते हैं। चिवड़ा, जो हल्का और कुरकुरा होता है, पाचन तंत्र को संतुलित करता है।
  2. वजन नियंत्रण में मदद: दही-चिवड़ा खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम होती है। यह वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है।
  3. ऊर्जा का संचार: दही और चिवड़ा का संयोजन शरीर को ताजगी प्रदान करता है, जिससे पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है।
  4. मानसिक शांति और शुद्धता: दही और चिवड़ा खाने से मानसिक शांति मिलती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जो खासतौर पर मकर संक्रांति के दिन महत्वपूर्ण होती है।

कैसे बनाएं दही-चिवड़ा?

दही-चिवड़ा बनाना बेहद आसान है। आपको बस कुछ साधारण सामग्रियों की जरूरत होगी:

  1. एक बाउल में ताजे दही को अच्छे से फेंट लें।
  2. अब इसमें चीनी या गुड़ डालकर अच्छे से मिला लें। (आप स्वाद अनुसार अपनी पसंद के अनुसार मीठा कर सकते हैं)
  3. दही में चिवड़ा मिलाकर 5-10 मिनट के लिए रख दें ताकि चिवड़ा अच्छी तरह से दही में मिल जाए और नरम हो जाए।
  4. अब आपका दही-चिवड़ा तैयार है, जो आप मकर संक्रांति के अवसर पर खा सकते हैं।

मकर संक्रांति का पर्व सिर्फ धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि इसके वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी फायदे भी हैं। दही-चिवड़ा का सेवन न केवल सूर्य देव की पूजा का हिस्सा है, बल्कि यह शरीर और मानसिक स्थिति को संतुलित रखने में भी मदद करता है। इस पर्व पर दही-चिवड़ा खाने से जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और स्वास्थ्य दोनों की प्राप्ति होती है।

logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in