अभिषेक बनर्जी ने तृणमूल नेताओं को दी चेतावनी, जल्द होगा संगठनात्मक बदलाव

चालू किया हेल्पलाइन नंबर 81426 81426
Abhishek Banerjee
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कोलकाता: तृणमूल के जिला व ब्लॉक अध्यक्षों में फेरबदल अब सिर्फ समय की बात है। पार्टी के ‘कमांडर’ अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को मेगा वर्चुअल मीटिंग में यह साफ कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, शनिवार को पार्टी नेताओं के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान उन्होंने कहा कि संगठनात्मक बदलाव जरूरी है। हमें अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करना होगा। अगर वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव से लेकर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव तक लगातार खराब प्रदर्शन देखने को मिलता है तो जिला और ब्लॉक प्रतिनिधियों को बदलना होगा। उन्होंने कहा, यह तय किया गया है कि यह फेरबदल संगठनात्मक कौशल के आधार पर होगा। साथ ही अभिषेक ने विभिन्न जिलों के नेताओं को निर्देश दिया है कि जहां भी तृणमूल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है, उस पर नजर रखें। बैठक में एक हेल्पलाइन नंबर चालू करते हुए अभिषेक ने कहा कि अगर कोई किसी को उन्हें लेकर किसी तरह की गलत जानकारी देता है तो उक्त नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। 8142681426 पर फोन कर शिकायत की जा सकती है।

जो युद्ध के दौरान अपनी मां को धोखा देता है वह तृणमूल का कार्यकर्ता नहीं है

गौरतलब है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी का परिणाम कुल मिलाकर अच्छा रहा है। सांसदों की संख्या बढ़ी है, जो वर्ष 2019 में 18 से वर्ष 2024 में बढ़कर 29 हो गया। लेकिन पूर्व मिदनापुर और हमेशा से कठिन रहे मालदह में अप्रत्याशित नतीजे आए। पूर्व मिदनापुर के कांथी और तमलुक सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं मालदह में बीजेपी को एक और कांग्रेस को एक सीट मिली है। इन नतीजों के लिए ‘बेहद नाराज़’ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी को जिम्मेदार ठहराया है। इसे लेकर अभिषेक ने कहा है कि आप लोगोें ने आपस में झगड़ा कर दूसरी पार्टी को मौका दे दिया। बीजेपी, कांग्रेस ने गलत प्रचार किया। आपमें से किसी ने विरोध नहीं किया। थोड़ा और प्रयास करते तो कांथी में एक सीट जीत जाते। सूत्रों के अनुसार, अभिषेक ने कहा कि मालदह में खराब नतीजों के लिए जिला नेतृत्व व ब्लॉक नेतृत्व जिम्मेदार है। अभिषेक ने कहा कि आप मंत्री बने, पद पाया, लेकिन वोट लाने में पीछे रह गये। एक आदमी जो युद्ध के दौरान अपनी मां को धोखा देता है वह तृणमूल का कार्यकर्ता नहीं है। पार्टी हमारे लिए मां की तरह है। इसके अलावा जलपाईगुड़ी, दक्षिण दिनाजपुर की बालुरघाट सीट भी तृणमूल नहीं जीत सकी। पार्टी ‘कमांडर’ ने वस्तुतः उन जिला नेताओं की आलोचना की है। तमलुक, कांथी, मालदह के नतीजों पर अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि इन जिलों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मैं जल्द ही एक बैठक बुलाऊंगा। इस बार हमें और मजबूती से लड़ना होगा। अभिषेक ने कहा कि आम लोग कभी गलत नहीं होते। हम उन्हें समझाने में असफल रहे। विपक्ष ने इसका फ़ायदा उठाया और सीट जीत ली। अभी भी वक्त है, जनता के पास जाइये। उनसे माफ़ी मांगें लेकिन हम उनके लिए जो लड़ाई लड़ रहे हैं, उसे समझाएं। इस दिन अभिषेक ने पार्टी के नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे नेता कौन क्या कर रहेे हैं, मुझे सब पता है। कौन पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, कौन झगड़ा करने की कोशिश कर रहा है, कौन पार्टी के साथ अन्याय कर रहा है, सब पता है। जनता के बीच जाएं, मजबूत जनसंपर्क बनाएं।


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