

हुगली : चुंचुड़ा अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शर्मा ने गुड़ाप थानांतर्गत गुड़बाड़ी इलाके में तृणमूल कार्यकर्ता खुदीराम हेम्ब्रम की हत्या के मामले में आठ वामपंथी कार्यकर्ताओं को उम्रकैद की सजा सुनायी है। वाम कार्यकर्ताओं के नाम लालू हांसदा (तत्कालीन गुड़बाड़ी-1 पंचायत प्रमुख), रबी बास्के, लक्षीराम बास्के, सिद्धेश्वर मलिक, सनातन मलिक, गणेश मलिक, लक्ष्मीनारायण सोरेन और नारू टुडू हैं। दो और वाम कार्यकर्ता आरोपित अमर रूईदास और नेपाल मलिक की मुकदमे की प्रक्रिया के दौरान मृत्यु हो गयी थी।
पुलिस और परिवार के सूत्रों के अनुसार, 18 मार्च 2010 को गुड़ाप में तृणमूल कार्यकर्ता खुदीराम की हत्या कर दी गयी थी। उस दिन उनके बेटे सुनील हेम्ब्रम की उच्च माध्यमिक परीक्षा थी। खेत में काम करने के बाद खुदीराम अपने दोस्त तपन रूईदास के घर गये थे, लेकिन उसके बाद वे घर नहीं लौटे। अगले दिन 19 मार्च को डीवीसी नहर से बस्ता-बंद लहूलुहान शव बरामद हुआ।
आरोप है कि राजनीतिक कारणों से तृणमूल कार्यकर्ता खुदीराम की धारदार हथियार से हत्या कर शव को पानी में फेंक दिया गया था। इस घटना में 19 मार्च की रात गुड़ाप थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। गुड़ाप थाना पुलिस ने जांच के बाद 10 माकपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ हत्या, हथियार के साथ अपराध, सबूत नष्ट करना सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
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पुलिस ने चुंचुड़ा अदालत में चार्जशीट दाखिल की। इस मामले में 12 गवाहों ने बयान दिया, जिनमें से 4 प्रत्यक्षदर्शी थे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो आरोपितों की मृत्यु हो गयी बाकी आठ आरोपित जमानत पर बाहर थे। मामले के सरकारी वकील चंडी चरण बनर्जी ने कहा,'हमने दोषियों को अधिकतम सजा देने की मांग की है। यह एक सुनियोजित, निर्दयतापूर्ण हत्या थी, जिसमें धारदार हथियार का इस्तेमाल कर सबूत मिटाने का प्रयास किया गया था।'
पीड़ित परिजनों ने कहा कि फांसी की सजा होती तो अच्छा होता, कोर्ट द्वारा दिये गये निर्णय का हम सम्मान करते हैं। हुगली ग्रामीण पुलिस अधीक्षक कामनाशीष सेन ने कहा कि कोर्ट की राय से पुलिस प्रशासन पर लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है।
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