

रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
डायमंड हार्बर : पश्चिम बंगाल के 14 मछुआरे मछली पकड़ते समय गलती से समुद्री सीमा पार कर बांग्लादेश पहुंच गए, जहां बांग्लादेशी नौसेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए मछुआरों में काकद्वीप और हुगली के दो-दो तथा शेष कुलतली क्षेत्र के निवासी हैं। मछुआरों का ट्रॉलर ‘एफबी शुभयात्रा’ भी जब्त कर लिया गया है। जानकारी के अनुसार, यह ट्रॉलर कुलतली के सानकीजहान घाट से गहरे समुद्र में मछली पकड़ने निकला था। मछुआरे जब अनजाने में अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पार कर गए, तभी बांग्लादेशी नौसेना के एक जहाज ने ट्रॉलर को रोक लिया। सभी मछुआरों को हिरासत में लेकर ट्रॉलर सहित मोंगला के दिगराज नौसैनिक अड्डे पर भेज दिया गया। सूत्रों के अनुसार, ट्रॉलर में करीब 10 टन मछली थी, जिसमें बड़ी मात्रा में हिलसा भी शामिल थी। बताया जा रहा है कि जब्त की गई मछलियों को रातोंरात मोंगला फेरीघाट में बेच दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही मछुआरों के गांवों में अफरा-तफरी मच गई। जिन परिवारों के सदस्य पकड़े गए हैं, उनके घरों में रो-रोकर बुरा हाल है, क्योंकि कई परिवारों के लिए यही मछुआरे एकमात्र कमाने वाले सदस्य हैं। परिजनों ने भारत सरकार और राज्य प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप कर मछुआरों की रिहाई सुनिश्चित करने की मांग की है।
बार-बार दोहराई जा रही घटनाओं से मछुआरों में बढ़ा भय, दोनों देशों से मानवीय रुख अपनाने की अपील
सामुद्रिक मत्स्यजीवी श्रमिक यूनियन के सचिव शतिनाथ पात्र ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बार-बार होने से मछुआरों और उनके परिवारों में भय और निराशा फैल रही है। उन्होंने दोनों देशों की सरकारों से अपील की कि सीमा विवाद से जुड़ी ऐसी स्थितियों को मानवीय दृष्टिकोण से हल किया जाए। गौरतलब है कि इसी तरह की घटनाएं जुलाई और अगस्त में भी हो चुकी हैं, जब बंगाल के कई मछुआरे सीमा पार जाने पर बांग्लादेशी सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े गए थे। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वे केंद्र सरकार के माध्यम से मछुआरों की जल्द रिहाई के प्रयास कर रहे हैं।