क्रिप्टो में निवेश के नाम पर व्यवसायी से 3.80 करोड़ की ठगी
विधाननगर : महानगर में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर 3.80 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस ठगी में सॉल्ट लेक के एक 44 वर्षीय व्यवसायी को सितंबर में चूना लगाया गया था। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस के अनुसार, पीड़ित व्यवसायी ने अपनी शिकायत में बताया था कि सोशल मीडिया के जरिए उसकी पहचान एक महिला से हुई थी। आरोप है कि महिला ने फेसबुक के जरिए उसे फर्जी क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लिए लुभाया था। इस मामले में इससे पहले हुगली जिले के हरिपाल इलाके से एक आरोपित को हिरासत में लिया गया था। अब तक कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस ने बताया कि ठगी की रकम की बरामदगी और इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की पहचान के प्रयास जारी हैं।
क्या है पूरा मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार इस साल की शुरुआत में पीड़ित को फेसबुक पर एक युवती से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी। रिक्वेस्ट स्वीकार करने के बाद दोनों के बीच नियमित ऑनलाइन बातचीत शुरू हुई। धीरे-धीरे महिला ने उसका भरोसा जीत लिया और एक कथित लाभदायक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में निवेश करने के लिए राजी कर लिया, जिसमें असामान्य रूप से अधिक रिटर्न का वादा किया गया था। इस झांसे में आकर व्यवसायी ने 17 जुलाई से निवेश शुरू किया और अलग-अलग किस्तों में अपने बैंक खातों से आरटीजीएस के जरिए कुल 3.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिये। पुलिस के मुताबिक, ठगों ने उसे एक छेड़छाड़ किए गए क्रिप्टो वॉलेट इंटरफेस का एक्सेस दिया, जिसमें उसके निवेश को जुलाई से सितंबर के बीच बढ़कर लगभग 180 करोड़ रुपये दिखाया गया, ताकि ऊंचे मुनाफे का भ्रम बना रहे। मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित ने अपनी राशि निकालने की कोशिश की और पाया कि कोई रुपया निकाला नहीं जा सकता। इसके बाद उसने 10 सितंबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। डिजिटल ट्रेल, बैंक लेनदेन और मोबाइल नंबरों के तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस ने पहले हुगली से एक युवक को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान बड़े नेटवर्क का पता चला। इसके बाद पुलिस ने विभिन्न जगहों पर छापामारी कर 11 अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में कोलकाता के तीन, पुरुलिया के दो, उत्तर 24 परगना के दो, बीरभूम और पूर्व मिदनापुर से एक-एक तथा जम्मू के दो निवासी शामिल हैं। पुलिस ने कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

