

कोलकाता: वर्ष 2025 के लिए केंद्रीय बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण फरवरी के पहले सप्ताह में संसद में पेश करेंगी, जिसमें किसानों के लिए आवंटन महत्वपूर्ण बिंदु होगा। ऐसे में बंगाल के कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने केंद्र सरकार को किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार करने की सलाह दी। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कृषि क्षेत्र में केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जहां राज्य की ओर से वरिष्ठ नेता और मंत्री शोभनदेव ने उनसे अनुरोध किया कि केंद्र को आनेवाले बजट में कोई भी किसान विरोधी निर्णय नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र को स्वामीनाथन आयोग की आवश्यक सिफारिशों के अनुरूप फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) निर्धारित करना चाहिए। शोभनदेव ने कहा, यह अनुरोध सीधे तौर पर सीएम ममता बनर्जी से आया है।
उत्पादन के मामले में देश में नंबर वन है बंगाल
बैठक में बंगाल के कृषि क्षेत्र को लेकर कई आंकड़े पेश किये गए। शोभनदेव ने कहा कि बंगाल में देश की कुल आबादी का 9.8 प्रतिशत किसान हैं, लेकिन राज्य में कुल कृषि योग्य भूमि पूरे देश का केवल 2.9 प्रतिशत है, जो बहुत ही कम है फिर भी बंगाल उत्पादन और किसान आय वृद्धि के मामले में देश में नंबर वन है। शोभनदेव ने कहा, बंगाल के गोविंदभोग चावल को विदेशों में निर्यात करने के लिए मुख्यमंत्री ने खुद वर्ष 2022 में 'एचएसएन कोड' के लिए केंद्र से अपील की थी लेकिन अभी तक उसे मंजूरी नहीं मिली। जानकारी के साथ कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य का कृषि बजट 9800 करोड़ रुपये है। केंद्र विभिन्न कृषि-आधारित परियोजनाओं के लिए जो पैसा मुहैया कराता है, वह राज्य के बजट का 5 प्रतिशत से भी कम है। शोभनदेव ने कहा, वर्ष 2021 में राज्य का बकाया हिस्सा 5 लाख मीट्रिक टन था जिसे घटाकर 1 लाख 27 हजार मीट्रिक टन किया जा रहा है जो बिल्कुल भी वांछनीय नहीं है। इस दिन शोभनदेव ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज्य की 'कृषक बंधु' और 'कृषक बीमा' योजनाओं के बजाय 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' को लागू करने के अनुरोध को खारिज कर दिया।