
कहानी : कभी-कभी हमारी छोटी-छोटी उम्मीदें हमें ऐसे सफर पर ले जाती हैं, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। ऐसी ही कहानी है नीरज की, एक छोटे से गांव में रहने वाले लड़के की, जिसके सपनों के पंख तो बड़े थे, पर उड़ान भरने के लिए आसमान दूर था।
नीरज का गांव, अमरपुर, एक नदी के किनारे बसा था। गांव के दूसरी तरफ बड़ा शहर था, जहां लोग अपनी किस्मत बनाने जाते थे। लेकिन नदी पर कोई पुल नहीं था। गांव के लोग कश्ती से पार जाते, लेकिन हर बार खतरा बना रहता। नीरज के पिता किसान थे, जो अक्सर कहते,
"पुल होता तो हमारे लिए जिंदगी कितनी आसान हो जाती।"
नीरज ने बचपन में ही ठान लिया कि एक दिन वह अपने गांव के लिए पुल बनाएगा।
गांव के स्कूल के बाद, नीरज ने शहर के कॉलेज में दाखिला लिया। उसके पास ज्यादा पैसे नहीं थे, तो वह दिन में पढ़ाई करता और रात में चाय की दुकान पर काम करता। अक्सर वह पढ़ाई के दौरान अपने नोटबुक में पुल के डिजाइन बनाता।
कॉलेज खत्म करने के बाद, नीरज ने सरकारी अधिकारियों से अपने गांव में पुल बनाने की बात की। पर हर जगह उसे निराशा ही हाथ लगी।
"तुम्हारा गांव बहुत छोटा है। यहां पुल बनाना हमारे बजट में नहीं है," उन्होंने कहा।
नीरज का दिल टूट गया, लेकिन उसका हौसला कम नहीं हुआ।
एक दिन, गांव के पुराने कारीगर अमित चाचा ने नीरज से कहा,
"पैसों और संसाधनों की कमी है तो क्या हुआ? अगर इरादा पक्का हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं।"
नीरज ने गांव के लोगों को अपनी योजना बताई। सबने मिलकर थोड़े-थोड़े पैसे इकट्ठा किए। कारीगरों, मजदूरों और गांव के युवाओं ने मिलकर पुल बनाने का काम शुरू किया।
काम धीरे-धीरे आगे बढ़ा। गांव के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने अपने-अपने तरीके से मदद की। कुछ ने मिट्टी ढोई, तो कुछ ने खाना बनाया। तीन साल की मेहनत के बाद, नीरज और गांव वालों ने एक मजबूत पुल तैयार कर लिया।
पुल बनने के बाद, गांव में पहली बार खुशी का माहौल था। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक, सबने उस पर चलकर अपना सपना सच होते देखा। नीरज के पिता की आंखों में आंसू थे। उन्होंने कहा,
"तुमने हमारा सपना पूरा कर दिया, बेटा।"
नीरज का बनाया पुल न केवल गांव को शहर से जोड़ता था, बल्कि यह उम्मीद का पुल भी था। यह बताता था कि अगर सपने सच्चे हों और इरादा मजबूत हो, तो कोई भी बाधा आपको रोक नहीं सकती।
और इस तरह, नीरज का नाम इतिहास में दर्ज हो गया। आज भी अमरपुर के बच्चे उस पुल पर खेलते हुए कहते हैं,
"यह पुल सिर्फ रास्ता नहीं, हमारे सपनों की कहानी है।"