

कोच्चि/रांची : केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी, उनकी मां और बहन की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत की जांच कर रही पुलिस टीम ने मौत के कारण का पता लगाने के लिए विभिन्न पहलुओं से जांच तेज कर दी है। केरल पुलिस ने यह कहा। कुछ दिन पहले सीमा शुल्क अधिकारी और उनकी बहन यहां अपने घर के अंदर फंदे से लटके मिले थे, जबकि उनकी मां का शव भी वहीं मिला था। मरने वालों में से एक शालिनी विजय झारखंड सरकार की अधिकारी थीं, जिन्हें एक मामले में एक अदालत ने तलब किया था, जिसकी जांच सीबीआई कर रही थी। रांची में कार्मिक विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि 2020 में छुट्टी पर केरल जाने के बाद से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। मृतकों की पहचान आईआरएस के अधिकारी और कोच्चि में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क विभाग में अतिरिक्त आयुक्त मनीष विजय (43), उनकी बहन शालिनी विजय और उनकी मां शकुंतला अग्रवाल के रूप में हुयी है। शालिनी की मां शकुंतला देवी बोकारो के एक कॉलेज में प्रोफेसर थीं।
शालिनी को मिला था अदालती समन
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मनीष की बहन शालिनी को हाल ही में अदालत से एक समन मिला था, जिसमें उन्हें सीबीआई द्वारा जांच किये गये एक मामले के सिलसिले में 15 फरवरी को झारखंड की एक अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था। वह झारखंड सरकार की सेवा में अपनी नियुक्ति में अनियमितताओं से संबंधित मामले में आरोपी थीं।
जेपीएससी टॉपर थीं शालिनी विजय
रांची में अधिकारी ने बताया कि वह झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पहले बैच की टॉपर थीं और उनकी अंतिम पोस्टिंग गढ़वा में जिला समाज कल्याण अधिकारी के रूप में थी। मनीष और शालिनी के शव फंदे से लटके पाये गये, जबकि शकुंतला अपने बिस्तर पर मृत पायी गयीं। शकुंतला के शरीर को एक सफेद कपड़े में लपेटा गया था और उस पर फूल डाले गये थे। केरल पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि भाई-बहन ने आत्महत्या की है। हालांकि, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनकी मां की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगा।
मां शकुतंला के शव पर छिड़के मिले फूल
पुलिस को पता चला है कि मनीष ने 14 फरवरी को फूल खरीदे थे। पुलिस को मनीष की डायरी में 15 फरवरी की एक प्रविष्टि भी मिली, जिसमें निर्देश दिया गया था कि कुछ दस्तावेज उनकी छोटी बहन को सौंप दिये जाएं जो फिलहाल दुबई में हैं। जांचकर्ता सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वे मौतों और मामले के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं कर पाये हैं। अगर मां की मौत स्वाभाविक पायी जाती है तो भाई-बहनों की आत्महत्या दुख के कारण हो सकती है। फिलहाल ध्यान शव परीक्षण के जरिए मौत के कारण की पुष्टि करने पर है।
कुछ दिनों से छुट्टी पर था अधिकारी
मनीष विजय यहां कक्कानाडु में सेंट्रल एक्साइज स्टाफ क्वार्टर में रहते थे। अधिकारी कुछ दिनों से छुट्टी पर थे, लेकिन जब वह काम पर नहीं लौटे तो गुरुवार रात को उनके सहकर्मी उनके घर पहुंचे। बदबू आने पर उनके सहकर्मियों खुली खिड़की से देखा तो एक शव लटका हुआ दिखा। पुलिस को तुरंत सूचना दी गयी और घर में घुसने पर उन्हें दूसरे कमरे में दूसरा शव लटका हुआ मिला। बाद में की गयी तलाशी में दूसरे कमरे में बिस्तर पर एक और शव पड़ा मिला। पुलिस ने बताया कि परिवार पिछले डेढ़ साल से इस क्वार्टर में रह रहा था, लेकिन कथित तौर पर वह अलग-थलग रहता था और पड़ोसियों से भी सीमित संपर्क रखता था
झारखंड की राजधानी रांची में विजयवर्गीय वसिया सभा के अध्यक्ष और उनके दूर के रिश्तेदार संजीव विजयवर्गीय ने बताया कि मनीष और शालिनी के परिवार का पैतृक घर शहर के डोरंडा स्थित तुलसी चौक पर है। यह परिवार विजयवर्गीय समाज का हिस्सा रहा है, लेकिन केरल चले जाने के बाद इनके बीच कोई संपर्क नहीं रहा। रांची के पूर्व उप महापौर विजयवर्गीय ने बताया, शालिनी के दादा नेमी चंद बीपीएससी, पटना में तैनात थे। उनके पिता उत्तम चंद बोकारो स्टील में काम करते थे, लेकिन कम उम्र में ही उनकी मृत्यु हो गयी। शालिनी का रांची के रेडियम रोड में भी एक फ्लैट था। उन्होंने बताया कि शालिनी के चाचा प्रेम चंद ने बताया कि उन्हें गुरुवार देर रात उनके रिश्तेदार की मौत की सूचना मिली