गोड्डा ः भाजपा की झारखंड इकाई के सात सदस्यीय ‘जांच दल’ ने रविवार को कहा कि उसे सूर्य नारायण हंसदा उर्फ सूर्या हंसदा की ‘मुठभेड़’ में हुई मौत के पीछे बड़ी साजिश का संदेह है। हंसदा कई आपराधिक मामलों में वांछित था। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के नेतृत्व में भाजपा के जांच दल ने अपनी जांच के तहत रविवार को गोड्डा जिले के लालमटिया के डकैता गांव में हंसदा के परिवार से मुलाकात की। जांच के बाद मुंडा ने मांग की कि राज्य सरकार झारखंड हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में मामले की पारदर्शी जांच का आदेश दे। मुंडा ने कहा कि हमें पुलिस मुठभेड़ में हंसदा की मौत के पीछे एक बड़ी साजिश का संदेह है। हमारी जांच के दौरान, हमने पाया कि हंसदा के खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज किए गए थे। कई मामलों में से अदालत ने उसे 14 मामलों में बरी कर दिया था। उसके खिलाफ 27 मई को एक फर्जी मामला दर्ज किया गया था, जब वह अपने घर पर बेटे का जन्मदिन मना रहा था। बताया गया कि 15 अगस्त की रात को बबलू कथित तौर पर अपनी प्रेमिका से मिलने गया था, तभी परिवार के सदस्यों ने उसे पकड़ लिया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। आरोपियों ने हत्या के बाद शव को रेलवे पटरी पर फेंक दिया। उसने अपराध में इस्तेमाल रस्सी, एक गमछा, एक मोबाइल फोन और एक मोटरसाइकिल बरामद कर ली है।
देवघर में हुई थी गिरफ्तारी ः हंसदा को 10 अगस्त को देवघर के नवाडीह गांव से गिरफ्तार किया गया था। उसे छिपे हुए हथियार बरामद करने के लिए राहदबदिया पहाड़ियों पर ले जाया जा रहा था। अभियान के दौरान, हंसदा ने पुलिस से कथित तौर पर एक हथियार छीन लिया और भागने की कोशिश करते हुए गोलीबारी शुरू कर दी। गोड्डा पुलिस के अनुसार, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें उसकी मौत हो गई।
2019 और 2024 का विस चुनाव लड़ चुका था हांसदा
हंसदा ने 2019 का विधानसभा चुनाव बोरियो से भाजपा के टिकट पर लड़ा था, लेकिन 2024 में टिकट न मिलने पर वह फिर से चुनाव लड़ने के लिए जेकेएलएम पार्टी में शामिल हो गया था।