देवघर में श्रावणी मेले का हुआ उद्घाटन, बाबा धाम में इस बार बड़े बदलाव

श्रावणी मेले का उद्घाटन करने पहुंचे पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार
श्रावणी मेले का आयोजन 11 जुलाई से 9 अगस्त तक
श्रावणी मेले का आयोजन 11 जुलाई से 9 अगस्त तक
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देवघर (झारखंड) : झारखंड के देवघर जिले में महीनेभर चलने वाले श्रावणी मेले का गुरुवार को उद्घाटन किया गया। देश के पूर्वी क्षेत्र के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक श्रावणी मेले का उद्घाटन राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह और श्रम मंत्री संजय प्रसाद यादव ने बिहार की सीमा से लगे दुम्मा स्थित कांवरियापथ पर पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ किया।

शक कैलेंडर के अनुसार, यह मेला ‘श्रावण’ माह के दौरान आयोजित किया जाता है। इस वर्ष इसका आयोजन 11 जुलाई से 9 अगस्त तक होना है। मेले का उद्घाटन करने के बाद राज्य के पर्यटन मंत्री ने कहा, एक महीने तक आयोजित होने वाले इस मेले का आयोजन भव्य तरीके से किया जायेगा। तकनीक का इस्तेमाल करके, लाखों श्रद्धालुओं के लिए मेले को बिना किसी परेशानी के आयोजित करने का प्रयास किया गया है।

मंत्री ने कहा कि प्रशासन देवघर में ‘सुचारू और कोई अप्रिय घटना-मुक्त मेला’ आयोजित करने के लिए एआई-चैटबॉट, ‘रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ (आरएफआईडी) और कृत्रिम मेधा (एआई)-आधारित कैमरों का इस्तेमाल कर रहा है। मेले में इस्तेमाल की जा रही प्रौद्योगिकियों का विवरण देते हुए देवघर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एआई आधारित एकीकृत मेला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

उन्होंने कहा कि 200 एआई-आधारित कैमरे, सूचना फीडबैक और हेल्पलाइन के लिए एक चैटबॉट, एक एआई-आधारित यातायात प्रबंधन प्रणाली, लगभग 700 नियमित कैमरे, 10 एआई-आधारित ड्रोन, लगभग 40 टेलीविजन और चेहरों की पहचान करने वाले कैमरे लगाए गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि 6 स्थानों पर उच्च गुणवत्ता वाले एएनपीआर (स्वचालित नंबर प्लेट पहचान) कैमरे, एक क्यूआर-आधारित शिकायत प्रणाली और एक डिजिटल मंडप भी स्थापित किया गया है। देश-विदेश के विभिन्न भागों से लाखों श्रद्धालु श्रावण मास के दौरान देवघर आते हैं और यहां प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।

बिहार के सुल्तानगंज में गंगा नदी में स्नान के बाद श्रद्धालु देवघर के लिए 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू करते हैं और बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के साथ ही यात्रा का समापन होता है। हर साल औसतन 35-40 लाख श्रद्धालु मेले में आते हैं।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इस आयोजन को सफल बनाने के लिए दो राज्य - झारखंड और बिहार - समन्वय से काम कर रहे हैं। देवघर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन से लेकर श्रद्धालुओं के लिए आवास सुविधाओं तक व्यापक तैयारियां की हैं। तीर्थयात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय, बिजली, सफाई और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा, श्रावणी मेले के दौरान वीआईपी लोगों के लिए बिना बारी के दर्शन की सुविधा स्थगित रहेगी।

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