रॉयल बंगाल टाइगर को पलामू बाघ अभयारण्य में छोड़ा गया, किसान के घर में फंसा था

‘किला’ नामक बाघ को पहली बार पलामू किले के पास देखा गया था
रांची जिले में एक किसान के घर में घुसा था बाघ
रांची जिले में एक किसान के घर में घुसा था बाघ
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रांची : झारखंड के रांची जिले में एक किसान के घर में घुसे रॉयल बंगाल टाइगर को सुरक्षित पकड़कर गुरुवार सुबह पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) के एक बाड़े में छोड़ दिया गया।प्रारंभ में माना जा रहा था कि यह बाघ पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल का है, लेकिन बाद में इसकी पहचान पीटीआर के बाघ के रूप में की गई।

अभयारण्य के क्षेत्र निदेशक एसआर नटेश ने बताया, हमने सुबह करीब आठ बजे बाघ को निगरानी के लिए एक सेंटर में भेजा है, जिसके बाद उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा। वन अधिकारियों द्वारा ‘किला’ नाम दिए गए नर बाघ को पहली बार अक्टूबर 2023 में पलामू किले के पास देखा गया था।

पलामू बाघ अभयारण्य के उपनिदेशक प्रजेश जेना ने बताया, चूंकि बाघ को पहली बार पलामू किले के पास देखा गया था, इसलिए हमने पहचान के लिए इसका नाम ‘किला’ रखा। रांची से करीब 65 किलोमीटर दूर सिल्ली ब्लॉक क्षेत्र के मरदु गांव में बुधवार सुबह पुरंदर महतो नाम के एक व्यक्ति के घर में बाघ के घुसने से इलाके में दहशत फैल गयी थी। यह इलाका मुरी पुलिस चौकी के अंतर्गत आता है और पश्चिम बंगाल की सीमा के करीब है। पलामू अभयारण्य और वन विभाग की संयुक्त टीम ने 13 घंटे के अभियान के बाद बाघ को पकड़ लिया।

जेना ने बताया, रांची में प्राथमिक स्वास्थ्य जांच पूरी होने पर बाघ को नौ घंटे के सफर के बाद सावधानीपूर्वक अभयारण्य ले जाया गया। उन्होंने बताया कि बाघ को छोड़ने से पहले गुरुवार सुबह पशु चिकित्सकों की एक टीम ने फिर से उसके स्वास्थ्य की जांच की।

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