

रांची : झारखंड के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दीपक बिरुआ ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, सरकार राज्य में जाति आधारित सर्वेक्षण कराने को लेकर गंभीर है। इस संबंध में पिछले साल फरवरी में ही निर्णय किया जा चुका है। हम अगले वित्त वर्ष के दौरान सर्वेक्षण कराने के लिए अपना पूरा प्रयास करेंगे।
यादव सर्वेक्षण की समय-सीमा के बारे में जानना चाहते थे। उन्होंने सरकार से कार्मिक विभाग द्वारा अब तक की गई कवायद के बारे में भी पूछा। बिरुआ ने कहा कि विभाग ने एक एजेंसी की सेवा लेने के लिए 4 मार्च को एक नोटिस जारी किया, ताकि इसके लिये जरूरी लोगों की कुल संख्या, कार्य के स्तर और इस कार्य के वित्तीय पहलू का पता लगाया जा सके।
उन्होंने कहा, मैंने कुछ एजेंसियों से बात की है, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा। चालू वित्त वर्ष समाप्त होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि सरकार तेलंगाना और बिहार की तर्ज पर अगले वित्त वर्ष में इस प्रक्रिया को पूरा करने का पूरा प्रयास करेगी।
प्रदीप ने सरकार से सरना अनुयायियों की जनसंख्या का पता लगाने के लिए सरना धार्मिक संहिता को शामिल करने का आग्रह किया।
जाति आधारित सर्वेक्षण के मुद्दे पर विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने झामुमो-कांग्रेस नीत सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
मरांडी ने विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से कहा, यह उनकी सरकार है, कोई भी उन्हें जाति सर्वेक्षण करने से नहीं रोक रहा है। हम कभी बाधा नहीं बने। वे पिछले 2 वर्षों से ओबीसी सर्वेक्षण पर काम कर रहे हैं, लेकिन यह अधूरा है, जिसके कारण नगर निगम चुनाव अभी भी लंबित हैं। वास्तव में, वे सभी केवल राजनीति खेल रहे हैं।