

रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को सत्तारूढ़ दलों के विधायकों ने हंगामा किया और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विरोध जताते हुए आसन के समक्ष आ गए। भाजपा के विधायक भी उनके पीछे-पीछे आसन के पास आ गए और सूर्या हंसदा ‘मुठभेड़’ मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग करने लगे।
हंगामे के कारण अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी, पहले दोपहर 12 बजे तक और फिर अपराह्न दो बजे तक। सुबह करीब 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने एसआईआर का मुद्दा उठाया।
यादव ने कहा, भाजपा एसआईआर के जरिए हमारे वोट चुराना चाहते हैं। हम एसआईआर का विरोध करते हैं और इसे वापस लिया जाना चाहिए। हम अपने वोटों की चोरी नहीं होने दे सकते।इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्य ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा लगाते हुए आसन के समक्ष आ गए। भाजपा विधायक भी आसन के समक्ष आ गए और सूर्या हंसदा 'मुठभेड़' मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग करने लगे।
अध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने और प्रश्नकाल होने देने का आग्रह किया। लेकिन दोनों पक्षों के सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा जिसके कारण अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही मात्र पांच मिनट के बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर करीब 12 बजे जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो कांग्रेस नेताओं ने एसआईआर का मुद्दा फिर उठाया। इस पर भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासियों की जमीन लूट रही है।
भाजपा ने आरोप लगाया कि रांची के नगरी में रिम्स-2 अस्पताल परियोजना के लिए सरकार ने आदिवासी किसानों की जमीन जबरन अधिग्रहित की है। मरांडी ने कहा, हमारी मांगें सूर्या हंसदा 'मुठभेड़' की सीबीआई जांच और किसानों को ज़मीन वापस दिलाना हैं। मरांडी ने दावा किया कि कांग्रेस राज्य के ज्वलंत मुद्दों को कमज़ोर करने के लिए ही एसआईआर का मुद्दा उठा रही है।
इस बीच भाजपा और सत्तारूढ़ विधायक फिर से नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए।संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार भोजनावकाश के बाद भाजपा द्वारा उठाए गए मुद्दों पर जवाब देगी। बार-बार अनुरोध के बावजूद जब सदस्य अपनी सीटों पर नहीं लौटे, तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले दिन में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्यों ने बिहार में एसआईआर और 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। कृषि मंत्री और कांग्रेस नेता शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर करना एक 'षड्यंत्र' है।