

रांची : झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे ने धोखाधड़ी वाली गतिविधियों में लिप्त होकर और अपने पद का दुरुपयोग करके राज्य के खजाने को 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान से मिली। चौबे को कथित आबकारी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कई घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आबकारी विभाग में सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोपों की जांच एसीबी कर रही है।
वर्ष 1999 बैच के आईएएस अधिकारी चौबे को विशेष अदालत द्वारा 3 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार ले जाया गया।
मंगलवार शाम को जारी एक बयान में झारखंड सरकार ने कहा कि चौबे ने ‘धोखाधड़ी, अपराधियों से साठगांठ और अपने पद का दुरुपयोग करके राज्य के खजाने को 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
बयान में यह भी कहा गया कि चौबे ने शराब की दुकानों के संचालन और इसकी बिक्री के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन में मानदंडों का पालन नहीं किया। चौबे ने मुख्यमंत्री के सचिव सहित कई प्रमुख पदों पर कार्य किया है। वह वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैनात हैं।