

जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले एक ग्रामीण का शव रखकर शनिवार को प्रदर्शन किया और मृतक के परिवार के लिए मुआवजे तथा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग की।
तमुकपाल गांव के लोगों ने घाटशिला उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यालय के सामने लगभग एक घंटे तक प्रदर्शन किया।
तमुकपाल के निकट एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक साइकिल और मोटरसाइकिल सवार को टक्कर मार दी, जिससे एक महिला सहित 2 लोगों की मौत हो गई तथा एक अन्य घायल हो गया।
घाटशिला उप-विभागीय पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) अजीत कुजूर ने बताया कि साइकिल पर सवार बालक मुंडा (60) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मौसमी पाल (40) ने शनिवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
ग्रामीणों ने बालक के परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हुए गुरुवार घंटों तक एक प्रमुख सड़क को अवरुद्ध कर दिया था, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ था। शनिवार को ग्रामीणों ने प्रशासन पर सड़क जाम के दौरान किए गए वादे से मुकरने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों ने दावा किया कि प्रशासन द्वारा मृतक के परिवार को मुआवजा देने की उनकी मांग पर विचार करने के आश्वासन पर उन्होंने प्रदर्शन रोक दिया है। आरोपों को खारिज करते हुए कुजूर ने कहा कि एसडीएम ने पीड़ित परिवार को तत्काल अंतरिम राहत प्रदान कर दी है तथा सरकार के नियमों के अनुसार सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद मुआवजा दिया जाएगा।
एसडीपीओ ने बताया कि ग्रामीणों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है क्योंकि उन्होंने राजमार्ग पर धरना दिया और घंटों तक यातायात बाधित किया। इस बीच, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि वह रविवार को मुंडा के परिवार से मिलने घाटशिला जाएंगे।
भाजपा नेता सोरेन ने मुआवजे के वादे से कथित तौर पर मुकरने और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज करने के लिए जिला प्रशासन की आलोचना की।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व नेता ने एक पोस्ट में कहा, यह असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है। एक तरफ आप प्रभावित परिवारों की मदद नहीं कर रहे हैं और दूसरी तरफ, अपने अधिकारों की मांग करने वालों को मुकदमों से डराने के प्रयास कर रहे हैं।