झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना की

कहा-यह केवल मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित करने के लिए लाया गया
वक्फ संशोधन विधेयक
वक्फ संशोधन विधेयक
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जमशेदपुर : झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष हिदायतुल्लाह खान ने बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह केवल मुस्लिम समुदाय को प्रताड़ित करने के लिए लाया गया है। उन्होंने झारखंड में इस अधिनियम को लागू करने के खिलाफ स्पष्ट रुख अपनाने के लिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की सराहना की।

खान ने रांची में जारी एक बयान में कहा, संशोधित अधिनियम का उद्देश्य केवल मुस्लिम समुदाय को परेशान करना तथा उन्हें शैक्षणिक और सामाजिक रूप से कमजोर करना है।उन्होंने हेमंत सोरेन को केंद्रीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त करने तथा राज्य में संशोधित वक्फ अधिनियम के कार्यान्वयन का विरोध करने के वास्ते रांची में पार्टी के 13वें अधिवेशन के दौरान प्रस्ताव पारित करने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख शिबू सोरेन समेत पार्टी नेतृत्व की भी प्रशंसा की।

पार्टी के दिशा-निर्देश पर विश्वास व्यक्त करते हुए झामुमो के अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष खान ने कहा, राज्य और इसके लोगों की बेहतरी और समृद्धि के लिए हेमंत सोरेन के नेतृत्व में एक नयी पारी शुरू हुई है। भाजपा पर निरंकुशता को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए खान ने कहा कि भाजपा संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन विधेयक पारित करने और राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल करने में सफल रही, लेकिन सोरेन सरकार ने राज्य में इसके लागू होने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।

खान ने कहा, मुस्लिम समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हमारे पूर्वजों द्वारा दान की गई वक्फ भूमि पर किसी का अधिकार नहीं है। खान ने कहा कि झारखंड शांतिप्रिय लोगों का राज्य है और वह ‘नफरत की राजनीति’ बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड संविधान के प्रावधानों और अधिकारों के अनुसार चलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि देशभर में अल्पसंख्यकों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।

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