रामनवमी पर झारखंड सरकार को बिजली कटौती की अनुमति, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में क्या कहा ?

रामनवमी 6 अप्रैल को
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नयी दिल्ली/रांची : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार और उसकी बिजली वितरण कंपनी को रामनवमी के दौरान शोभा यात्रा के मार्गों पर बिजली आपूर्ति काटने की शुक्रवार को अनुमति दे दी ताकि करंट लगने की घटनाएं न हों। शीर्ष अदालत ने झारखंड हाई कोर्ट के उस निर्देश को संशोधित किया जिसमें राज्य प्राधिकारियों को धार्मिक शोभा यात्राओं के दौरान बिजली की आपूर्ति काटने से रोक दिया गया था।

प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार एवं न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की इन दलीलों पर गौर किया कि इन शोभा यात्राओं के दौरान दो दशक से अधिक समय से बिजली आपूर्ति बाधित की जाती रही है ताकि करंट लगने की घटनाएं न हों।

उन्होंने कहा कि ऐसी शोभा यात्राओं में लोग आमतौर पर लंबे झंडे लेकर चलते हैं जिससे करंट लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का खतरा होता है। हालांकि, पीठ ने झारखंड सरकार से कहा कि वह बिजली कम से कम काटे और शोभा यात्रा वाले मार्गों पर ही बिजली काटी जाए। न्यायालय ने राज्य सरकार से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि इस दौरान अस्पतालों में बिजली आपूर्ति बाधित न हो।

न्यायालय ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रमुख से हाई कोर्ट में यह हलफनामा दाखिल करने को कहा कि बिजली न्यूनतम अवधि के लिए काटी जाएगी और अस्पतालों में आपातकालीन आपूर्ति जारी रखी जाएगी। भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली रामनवमी 6 अप्रैल को है।

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