

रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘ट्राईबल एडवाइजरी काउंसिल’ (टीएसी) की बैठक में आदिवासी भूमि की बिक्री और खरीद के लिए पुलिस थाने क्षेत्र की बाध्यता सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। सोरेन ने कहा कि संबंधित विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है और उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
सोरेन ने कहा, बैठक के दौरान आदिवासी कल्याण, समावेशी विकास और आदिवासी भाषा, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। आदिवासी भूमि की बिक्री और खरीद के लिए पुलिस थाने की सीमा की बाध्यता पर भी चर्चा की गई। छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 के तहत आदिवासी भूमि को पुलिस थाने क्षेत्र के बाहर किसी को भी बेचने पर प्रतिबंध है।
इसमें कहा गया है कि आदिवासी अपनी जमीन को बिक्री, विनिमय, उपहार या वसीयत के माध्यम से किसी अन्य अनुसूचित जनजाति के सदस्य और अपने थाना क्षेत्र के निवासियों को हस्तांतरित कर सकते हैं। बैठक का भाजपा के सदस्यों ने बहिष्कार किया। सोरेन ने कहा, यह कोई नयी बात नहीं है। जब भी वे विपक्ष में होते हैं तो वे सरकार के साथ सहयोग नहीं करते हैं।