जमशेदपुर में निकाली गई सिंदूर यात्रा

कलश में भरा सिंदूर, यात्रा के दौरान जवानों को लगाया गया तिलक
Jharkhand
यात्रा में शामिल महिलाएं
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जमशेदपुर : पाकिस्तान के नापाक इरादों के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद देशभर में तिरंगा यात्राओं और अन्य आयोजनों के माध्यम से जश्न मनाया जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को जमशेदपुर में एक विशेष आयोजन देखने को मिला, जब महिलाओं ने पारंपरिक 'सिंदूर यात्रा' निकालकर मातृशक्ति की सामूहिक एकजुटता और देशभक्ति का परिचय दिया। यह यात्रा जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा दास साहू के नेतृत्व में आयोजित की गई, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया। इस अवसर पर विधायक पूर्णिमा दास साहू ने कहा कि यह सिंदूर सिर्फ सौभाग्य का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारे आत्मसम्मान, संस्कृति और बलिदान की भी पहचान है। अगर पाकिस्तान या आतंकवादी ताकतें इसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगी, तो उनका नामोनिशान मिटा दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि आज की महिलाएं केवल गृहिणी या कामकाजी नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई जैसी वीरांगनाओं की भूमिका निभाने को तैयार हैं। देश की सीमाओं की रक्षा के लिए मातृशक्ति भी हर मोर्चे पर उतर सकती है।

पारंपरिक वेशभूषा में सजीं महिलाएं हाथों में सिंदूर से भरे कलश लेकर जय घोष के साथ आर्मी कैंप तक पहुंचीं। “वंदे मातरम्” और “भारत माता की जय” के नारों से गूंजती इस यात्रा ने शहर में देशभक्ति का माहौल बना दिया। यात्रा के समापन पर महिलाओं ने सेना के जवानों को सिंदूर का तिलक लगाकर उनके शौर्य को नमन किया और देश सेवा के प्रति आभार प्रकट किया।

यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक परंपरा का पालन नहीं, बल्कि देश की रक्षा में लगे सैनिकों के प्रति कृतज्ञता और मातृशक्ति की चेतना का सार्वजनिक प्रदर्शन था। इस अनूठी पहल के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि राष्ट्र की रक्षा केवल सेना की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है और महिलाएं इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाने को तैयार हैं

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