कैमरून में फंसे झारखंड के पांच प्रवासी श्रमिकों को लंबित वेतन के साथ भारत वापसी

भारतीय उच्चायोग और श्रम विभाग की पहल से प्रवासी मजदूरों की घर वापसी संभव
कैमरून में फंसे झारखंड के पांच प्रवासी श्रमिकों को लंबित वेतन के साथ भारत वापसी
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रांची: अफ्रीकी देश कैमरून में फंसे झारखंड के पांच प्रवासी श्रमिकों को भारत वापस लाया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इन मजदूरों को मुंबई की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी ने काम पर रखा था और उन्हें पिछले पांच महीनों से वेतन नहीं दिया था।

श्रमिकों के लंबित वेतन का भुगतान हुआ

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष (श्रम विभाग) की टीम लीडर शिखा लाकड़ा ने बताया, "कैमरून में श्रमिकों के लंबित वेतन का भुगतान कर दिया गया और उनकी उड़ान मंगलवार को मुंबई पहुंच गई। वे बुधवार को झारखंड जाने वाली ट्रेन में सवार होंगे।"

कैमरून में भारतीय उच्चायोग की मदद से संभव हुआ कार्य

लाकड़ा ने मंगलवार को कहा, "हमने कैमरून में भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया और श्रमिकों एवं उन्हें काम पर रखने वाले नियोक्ताओं के सभी दस्तावेज उनसे साझा किए जिसके बाद उच्चायोग ने वहां स्थानीय अधिकारियों से संपर्क कर पांचों कर्मियों के पांच महीने के लंबित वेतन का भुगतान कराया।"

मजदूरों ने वीडियो में बताई थी व्यथा

जानकारी के अनुसार, मजदूरों ने सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली के साथ एक वीडियो साझा किया जिसमें उन्होंने अपनी आपबीती बताई थी।इसके बाद घटना की जानकारी श्रम विभाग को दी गई। कैमरून में फंसे इन श्रमिकों में सुनील महतो, सुकर महतो, चन्द्रशेखर कुमार और दिलन महतो हजारीबाग जिले के रहने वाले हैं। वहीं, दिलचंद महतो गिरिडीह जिले के डुमरी से हैं।

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