ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूर, केंद्र-राज्य सरकार से लगाई वतन वापसी की गुहार

झारखंड सरकार ने मजदूरों से संपर्क स्थापित किया
अफ्रीका में फंसे झारखंड के 48 मजदूर
अफ्रीका में फंसे झारखंड के 48 मजदूर
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रांची : झारखंड श्रम विभाग भारतीय दूतावास के माध्यम से उत्तरी अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे राज्य के 48 प्रवासी श्रमिकों से संपर्क स्थापित करने में कामयाब रहा है और उनके दस्तावेजों का सत्यापन कर रहा है।

झारखंड श्रम विभाग के अंतर्गत प्रवासी नियंत्रण प्रकोष्ठ की टीम लीडर शिखा लाकड़ा ने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद वे प्रवासी श्रमिकों से संपर्क स्थापित करने में सफल रहे हैं और ट्यूनीशिया में भारतीय दूतावास के साथ भी संपर्क में हैं।

लाकड़ा ने कहा, हमने कथित तौर पर एक निजी कंपनी के माध्यम से ट्यूनीशिया में फंसे प्रवासी श्रमिकों से बात की है और उनके दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। हम उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था के लिए ट्यूनीशिया स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों के संपर्क में भी हैं।

प्रवासी श्रमिकों के हित में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने बताया कि ट्यूनीशिया में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों में हजारीबाग जिले के 19, गिरिडीह जिले के 14 और बोकारो जिले के 15 श्रमिक शामिल हैं।

सिकंदर अली ने कहा, गिरिडीह के पीरटांड ब्लॉक के फंसे हुए श्रमिकों में से एक संजय कुमार ने मुझे एक वीडियो संदेश साझा किया, जिसे मैंने प्रवासी प्रकोष्ठ को दिया और कुछ पत्रकारों को भी, जिन्होंने इसे शुक्रवार को मुख्यमंत्री के साथ साझा किया।

अली ने कहा, वीडियो संदेश में मजदूरों ने आरोप लगाया है कि कंपनी उन्हें पिछले 3 महीनों से वेतन नहीं दे रही है और उन्हें तय समय से अधिक काम करने के लिए मजबूर कर रही है। इससे उन्हें मानसिक तनाव हो रहा है। वे घर लौटना चाहते हैं, लेकिन कंपनी इसकी अनुमति नहीं दे रही है। मजदूरों ने केंद्र और राज्य सरकार से घर वापसी में मदद की अपील की है।

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