

रांची : झारखंड के हजारीबाग जिले में सोमवार सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए, जिनमें से एक पर एक करोड़ रुपये का इनाम था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ गोरहर थाना क्षेत्र के पंतित्री जंगल में सुबह करीब 6 बजे प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के सहदेव सोरेन के दस्ते और सुरक्षा बलों के बीच शुरू हुई।
झारखंड पुलिस के महानिरीक्षक (अभियान) और प्रवक्ता माइकल राज एस ने बताया, तलाशी अभियान के दौरान 1 करोड़ रुपये के इनामी माओवादी सहदेव सोरेन और दो अन्य माओवादियों के शव बरामद किए गए।
उन्होंने बताया कि सहदेव उर्फ प्रवेश प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी का सदस्य था। उन्होंने बताया कि अभियान में मारे गए दो अन्य लोगों की पहचान रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ चंचल और बीरसेन गंझू के रूप में हुई है।
आईजी (अभियान) ने कहा, रघुनाथ संगठन की विशेष क्षेत्रीय कमेटी का सदस्य था और उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था, जबकि गंझू क्षेत्रीय कमेटी का सदस्य था और उस पर 10 लाख रुपये का इनाम था।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से तीन एके-47 सहित कई हथियार और 63 कारतूस बरामद किए गए। पुलिस के अनुसार, सहदेव 30 मामलों में, रघुनाथ 58 मामलों में और बीरसेन 36 मामलों में वांछित था।
उन्होंने बताया कि एक खुफिया रिपोर्ट के आधार पर कोबरा, हजारीबाग और गिरिडीह पुलिस के साथ मिलकर बोकारो और गिरिडीह जिलों की सीमा पर स्थित पंतित्री जंगल में संयुक्त अभियान चलाया गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, जैसे ही संयुक्त बल के जवान जंगल में पहुंचे, माओवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी और सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी के दौरान 3 माओवादी मारे गए।
झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता ने हजारीबाग का दौरा किया और कहा कि यह राज्य पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
गुप्ता ने कहा, घटना में हमारे 2 जवान घायल हुए हैं, लेकिन वे खतरे से बाहर हैं। हमारे ‘फील्ड ऑफिसर’ और स्थिति पर नजर रखने वाले लोग अभियान पूरा होने तक पूरी रात नहीं सोये।
उन्होंने कहा कि मारे गए माओवादी 12 पुलिसकर्मियों की हत्या और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या में शामिल थे। उन्होंने पुलिस से 183 राइफल भी लूटी थीं।
डीजीपी ने कहा, इस घटना के बाद, उत्तरी झारखंड से नक्सलवाद का पूरी तरह से सफाया हो गया। चाईबासा के सारंडा इलाके में कुछ माओवादी बचे हैं और उनके खिलाफ अभियान जारी है। एक जनवरी से अब तक 29 माओवादी मारे जा चुके हैं। हम उनसे आग्रह करते हैं कि या तो वे आत्मसमर्पण कर दें या परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
पिछले 2 दिन में झारखंड में नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच यह दूसरी मुठभेड़ है। रविवार को प्रतिबंधित माओवादी समूह तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) का स्वयंभू उप-जोनल कमांडर मुखदेव यादव (40) उर्फ तूफान जी पलामू जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। उस पर पांच लाख रुपये का इनाम था।