कोलकाता : गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स प्राप्त ‘नेशनल एन्थम – बाय रिकी केज’ 14 अगस्त यानी रिलीज होने जा रहा है। इसकी घोषणा 3 बार ग्रैमी प्राप्त कर चुके कम्पोजर रिकी केज ने कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान की। कार्यक्रम में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (कीट) कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस) के फाउंडर और पूर्व राज्य सभा सांसद डॉ. अच्युता सामंत, तपोब्रत घोषाल, ध्रुव मुखर्जी, चंदन रॉय चौधरी और सोमनाथ गांगुली उपस्थित थे। अपनी पिछली उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए, रिकी केज ने भारत के लेजेंड्स का एक असाधारण समूह इकट्ठा किया है, जिसका समापन इंडियन नेशनल एन्थम के एक अभूतपूर्व संगीतमय अनुभव के साथ हुआ है। इस दौरान डॉ. अच्युता सामंत ने कहा कि रिकी केज ने बड़े ही लगन के साथ बेहद ही कठीन कार्य को संभव कर दिखाया है। इतनी भारी संख्या में बच्चों को संगीत सिखाया कोई मामूली टास्क नहीं था। 1 से लेकर 3 जुलाई को 14 हजार बच्चों को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लेकिन यह संभव इसीलिए हो पाया क्योंकि हमारे बच्चे काफी अनुसासित हैं। रिकी के इस प्रयास के कारण कीस के बच्चों को वर्ल्ड रेकॉर्ड में आने का मौका मिला है।
14 हजार आदिवासी बच्चों के साथ बनाया गया वर्ल्ड रेकॉर्ड
रिकी केज ने डॉ. अच्युता सामंत के साथ ओडिशा के 14,000 आदिवासी बच्चों को लेकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड फॉर लार्जेस्ट सिंगिंग लेसन प्राप्त किया जो ओडिशा के भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में एक ही स्थान पर एक साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान केज ने कहा कि हमें इन समुदायों से बहुत कुछ सीखना है। प्रकृति और संधारणीय जीवन पद्धतियों के साथ उनका गहरा संबंध ऐसी शिक्षाएं हैं जिन्हें दुनिया को अपनाने की जरूरत है। इस असाधारण आयोजन ने “लार्जेस्ट सिंगिंग लेसन” के लिए एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस दिन रिकी केज ने एक असाधारण रिकॉर्ड की झलक वीडियो के माध्यम से रिलीज की गई जहां 14,000 बच्चे राष्ट्रीय गान गाया। वहीं इस गाने में देश के सबसे बड़े संगीतकारों ने म्यूजिक दिया है। यह रिकॉर्डिंग 14 अगस्त सानी की (भारत की स्वतंत्रता की पूर्व संध्या) को शाम 5 बजे सभी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, यूट्यूब और रिकी केज के सोशल मीडिया अकाउंट पर रिलीज की जाएगी।