

प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सुंदरवन के बाद अब उत्तर बंगाल में हाल ही हुई प्राकृतिक आपदाओं के बाद बॉक्सा टाइगर रिज़र्व में वर्ष का सबसे बड़ा वन्यजीव सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। यह अभियान सोमवार को शुरू हुआ है जो दिसंबर से मार्च तक चार महीने लगातार चलेगा। लगभग 760 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह सर्वेक्षण संपन्न होगा। बाघ समेत सभी प्रकार के वन्यजीवों पर नजर रखने के लिए 450 हाई-रेजॉल्यूशन कैमरा ट्रैप जंगल के विभिन्न हिस्सों में रणनीतिक रूप से लगाये गये हैं।
विभाग ने 60 विशेष टीमों का गठन किया है, प्रत्येक में 7 प्रशिक्षित वनकर्मी होंगे, यानी कुल लगभग 400 कर्मी और अधिकारी दिन-रात निगरानी करेंगे। वन्यजीवों की गतिविधियों, आहार, आवास और जंगल के पारिस्थितिकी तंत्र के संबंधों का वैज्ञानिक अध्ययन इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य है। पिछले वर्षों में बॉक्सा और पासवर्ती नेवड़ा वैली में बाघ की उपस्थिति कैमरा ट्रैप में दर्ज हो चुकी है, जिससे उम्मीद बढ़ गई है कि इस बार और भी स्पष्ट प्रमाण मिलेंगे।
डिप्टी फील्ड डायरेक्टर (पूर्व) देवाशीष शर्मा के अनुसार, यह सर्वेक्षण वन्यजीव संरक्षण और उत्तर बंगाल में पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। तकनीक और डेटा पर आधारित यह सर्वेक्षण भविष्य में क्षेत्रीय वन्यजीव संरक्षण नीति को नयी दिशा देगा।