

रायचूर (कर्नाटक) : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष को तुच्छ बताने की कोशिश करते हैं, तो जनता इसको सहन नहीं करेगी। उन्होंने यह सवाल भी किया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसमें उपस्थित क्यों नहीं हुए?
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश कठिन दौर से गुजर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां पूरे देश और सशस्त्र बलों ने देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर काम किया, वहीं कुछ लोगों ने व्यक्तिगत श्रेय लेने की कोशिश की। खरगे ने सीधे तौर पर किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘अगर उन्होंने कैप्टन, कर्नल या लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में सेना में काम किया होता, तो हमने अच्छा काम करने और देश के लिए लड़ने के लिए उनकी सराहना की होती। लेकिन ऐसा नहीं है।’ खरगे मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों के साथ रायचूर में थे, जहां उन्होंने कई परियोजनाओं की आधारशिला रखी और रायचूर विश्वविद्यालय के नामकरण समारोह की अध्यक्षता की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि कांग्रेस पहलगाम आतंकी हमले पर सर्वदलीय बैठक की मांग करने वाली पहली पार्टी थी। उन्होंने कहा, ‘जब बैठकें 2 बार बुलाई गयीं, तो प्रधानमंत्री दोनों अवसरों पर भाग लेने में विफल रहे। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वह उसमें शामिल क्यों नहीं हुए?’ उन्होंने कहा कि कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक के नेताओं ने बैठक में शामिल होने के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम छोड़ दिए, फिर भी प्रधानमंत्री ने देश में होने के बावजूद इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। खरगे ने दावा किया, ‘वह बिहार चुनाव के लिए प्रचार में व्यस्त थे। इसका क्या मतलब है? जब देश और सैनिक एक तरफ लड़ रहे थे, तो प्रधानमंत्री ने हमें सर्वदलीय बैठक में आमंत्रित करने के बाद दूसरी तरफ प्रचार करना चुना। यह अनुचित है।’