कौन हैं जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत जिन्‍हें पड़ा दिल का दौरा?

कौन हैं जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत जिन्‍हें पड़ा दिल का दौरा?
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नई दिल्ली: ब्रोकिंग सर्विस प्‍लेटफॉर्म जेरोधा के सह-संस्थापक और सीईओ नितिन कामत ने बड़ा खुलासा किया। उन्‍होंने बताया कि छह हफ्ते पहले उन्हें हल्के स्ट्रोक का सामना करना पड़ा था। कामत ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म 'एक्स' पर यह जानकारी दी। नितिन ने इस बात पर ताज्‍जुब भी जताया है कि उनके जैसा फिट और सेहत को लेकर जागरूक शख्‍स स्ट्रोक की चपेट में किस तरह आ सकता है। नितिन ने अपने भाई निखिल कामत के साथ मिलकर किफायती ब्रोकिंग प्‍लेटफॉर्म जेरोधा की नींव रखी थी। यह प्‍लेटफॉर्म तेजी से कामयाबी की दिशा में बढ़ा है। आइए, यहां नितिन कामत के बारे में सबकुछ जानते हैं। जेरोधा ने भारत में ऑनलाइन ट्रेडिंग को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नितिन कामत ने अपने भाई निखिल के साथ मिलकर जेरोधा की स्थापना की थी। नितिन लाखों-लाख युवा उद्यमियों की प्रेरणा हैं।
करीब 45 साल के हैं जेरोधा के संस्‍थापक
नितिन का जन्म 5 अक्टूबर 1979 में कर्नाटक के शिमोगा में हुआ था। उन्‍हेांने कंप्‍यूटर साइंस की डिग्री ली है। 2008 में उनकी शादी सीमा पाटिल से हो गई थी। सीमा जेरोधा में क्‍वालिटी चीफ हैं। दोनों को एक बेटा है। नितिन कामत की संपत्ति 5.4 अरब डॉलर आंकी जाती है। नितिन एक्टिव ट्विटर यूजर हैं। अक्सर वह अपने विचारों और अनुभवों को शेयर करते हैं। खुद को स्‍ट्रोक आने की बात भी उन्‍होंने ट्विटर पर ही शेयर की। उन्हें क्रिकेट और फुटबॉल का शौक है।
नितिन कामत ने क्‍या बताया है?
सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म 'एक्‍स' पर जानकारी देते हुए नितिन कामत ने बताया, 'लगभग छह हफ्ते पहले मुझे अचानक हल्का स्ट्रोक हुआ था। इसका कारण पिता का देहांत, ठीक से नींद न पूरी होना, थकान, शरीर में पानी की कमी और ज्यादा काम करना कुछ भी हो सकता है।' उन्होंने कहा, स्ट्रोक आने के बाद उनका चेहरा थोड़ा एक तरफ झुक गया है। पढ़ने-लिखने में भी दिक्कत हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने तीन से छह महीनों में पूरी तरह ठीक हो जाने की उम्मीद भी जताई। हालांकि, नितिन ने इस बात पर आश्चर्य भी जताया कि उनके जैसा फिट और सेहत को लेकर जागरूक व्यक्ति स्ट्रोक की चपेट में किस तरह आ सकता है। उन्होंने कहा, 'डॉक्टर के मुताबिक आपको यह जानना जरूरी होता है कि आपको कब अपनी कामकाजी व्यस्तता को कम-ज्यादा करने की जरूरत है।'

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