नई दिल्ली : चक्रवात मोचा की भविष्यवाणी ने हमारे देश के पूर्वी भाग में रहने वाले लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। मोचा के आने की खबर ने एक बार फिर अम्फान और यास के कहर को याद दिला दिया।
चक्रवाती तूफान के रूप में 9 मई को होगा विकसित
मौसम विभाग के अनुसार 6 मई यानी शनिवार को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात बनेगा। ये चक्रवात 7 मई को एक निम्न दबाव बन जाएगा। 8 मई यानी सोमवार को डिप्रेशन और गहराएगा। यह सिस्टम एक गहरे दबाव के रूप में विकसित होगा और मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा। एक गहरा दबाव 9 मई को मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान के रूप में विकसित होगा।
शुरुआत में, तूफान उत्तर पूर्वी भाग की ओर होगा। अंतर्राष्ट्रीय मॉडल के अनुसार, चक्रवात शुरू में उत्तर की ओर मुड़ते हुए मध्य बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ सकता है। उस समय यह तमिलनाडु तट की ओर बढ़ेगा। फिर ये 10 से 11 मई को मार्ग बदलेगा। उत्तर और उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने के साथ ये और मजबूत होगा।
कहां होगा लैंडफॉल?
सूत्रों के मुताबिक, ये चक्रवात बहुत तेज चक्रवात में बदल सकता है और इसका लैंडफॉल दक्षिण पूर्व बांग्लादेश या म्यांमार के तट पर हो सकता है। इस चक्रवात का लैंडफॉल बेहद शक्तिशाली तूफान के रूप में हो सकता है, जो ओडिशा और बंगाल की ओर आ सकता है।
तूफान से पहले बढ़ेगा तापमान
इस हफ्ते बंगाल की खाड़ी में बना भंवर अगले सप्ताह की शुरुआत में चक्रवात में बदल सकता है। लेकिन उससे पहले अगले कुछ दिनों में दक्षिण बंगाल के अलग-अलग जिलों का तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा। अलीपुर मौसम विभाग ने कहा कि इनमें से तटीय जिलों का तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहेगा।
बंगाल के इन जिलों में बदलेगा मौसम
मौसम विभाग के सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को दक्षिण बंगाल के दो 24 परगना, दो मेदिनीपुर और नदिया में बारिश की संभावना है, लेकिन बाकी जिलों में बारिश की संभावना नहीं है। कोलकाता में भी बारिश के आसार नहीं हैं। दूसरी ओर, कोलकाता सहित दक्षिण बंगाल के बाकी जिलों में अगले कुछ दिनों में तापमान 3 से 5 डिग्री तक बढ़ सकता है।
ओडिशा में भी तैयारी
मौसम विज्ञानियों के एक वर्ग के अनुसार, कई मामलों में बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात ओडिशा या बांग्लादेश की ओर मुड़ जाते हैं। इसी के चलते ‘मोचा’ की भविष्यवाणी के बाद ओडिशा में तैयारी शुरू हो गई है। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात से निपटने पर चर्चा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की।
ओडिशा सरकार के प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, बैठक मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित थी कि जरूरत पड़ने पर तटीय क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित आश्रय में कैसे ले जाया जा सकता है। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि अगर चक्रवात आता है तो राहत और बचाव कार्य जल्द शुरू किया जा सकता है।