नई दिल्ली - उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नियमावली व पोर्टल का लोकार्पण कर दिया है। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। 7 फरवरी 2024 को विधानसभा ने समान नागरिक संहिता कानून से संबंधित विधेयक पारित किया। 12 मार्च 2024 को इसे राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई। इसके बाद सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहले इसकी नियमावली बनाने का निर्णय लिया। संहिता के प्रविधानों के अनुसार विभिन्न विषयों का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया गया है। आपको बता दें कि समान नागरिक संहिता अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर, पूरे उत्तराखंड राज्य, साथ ही राज्य के बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों पर लागू होगा।
समान नागरिक संहिता क्या है ?
समान नागरिक संहिता (UCC) एक ऐसा कानून है जो धर्म या समुदाय की परवाह किए बिना सभी नागरिकों के लिए कानूनी प्रावधानों का एक सामान्य सेट स्थापित करता है। यह विवाह, तलाक, विरासत, संपत्ति अधिकार और गोद लेने के कानूनों का मानकीकरण करेगा। यूसीसी का लक्ष्य धार्मिक बाधाओं को पार करके नागरिकों के बीच एकता की भावना पैदा करके राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है। यह सामान्य अधिकारों पर जोर देकर राष्ट्र को मजबूत करेगा।
यह करेंगे लागू
समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम रजिस्ट्रार और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगे। वहीं नगर पंचायत-नगर पालिकाओं में संबंधित एसडीएम रजिस्ट्रार और कार्यकारी अधिकारी सब रजिस्ट्रार होंगेे। इसी तरह नगर निगम क्षेत्र में नगर आयुक्त रजिस्ट्रार और कर निरीक्षक सब रजिस्ट्रार होंगे। इन सबके ऊपर रजिस्ट्रार जनरल होंगे, जो सचिव स्तर के अधिकारी एवं इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन होंगे।
लिव इन रिलेशनशिप वालों को क्या करना होगा ?
संहिता लागू होने से पहले से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहें लोगों को संहिता लागू होने की तिथि के एक महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा। वहीं संहिता लागूू होने के बाद स्थापित लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण, लिव इन रिलेशनशिप में प्रवेश करने के एक महीने के भीतर कराना होगा।