पाकिस्तान के साथ भारत के संघर्ष की स्थिति में चीन को नजरअंदाज करना असंभव : थरूर

81 प्रतिशत पाकिस्तानी रक्षा उपकरण चीन से आयातित
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अमेरिका पहुंची भारतीय नेताओं की टीम
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वाशिंगटन : अमेरिका में सर्वदलीय संसदीय दल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि भारत एवं पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के परिदृश्य में चीन एक ऐसा कारक है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। थरूर ने इस बात पर जोर दिया कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद भारत और चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की कवायद इस संघर्ष से पहले, पिछले कुछ महीनों में ‘अच्छी प्रगति करती प्रतीत हो रही थी। थरूर ने कहा कि चीन का पाकिस्तान में बहुत बड़ा हित है। ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ के तहत सबसे बड़ी एकल परियोजना चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा है और 81 प्रतिशत पाकिस्तानी रक्षा उपकरण चीन से आए हैं। उन्होंने कहा कि यहां रक्षा शायद गलत शब्द है। कई मायनों में आक्रमण करने के उपकरण (सही शब्द है)...।’’ जिनका इस्तेमाल भारत पर आक्रमण के लिए किया जाता है।

कांग्रेस नेता थरूर ने जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन झड़पों के बाद भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ गया था। हालांकि, पिछले साल सितंबर में चीन के साथ रिश्तों में फिर से सुधार होना शुरू हो गया था, जो अच्छी प्रगति पर थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए व्यावहारिक समर्थन के मामले में, यहां तक कि सुरक्षा परिषद में भी, ‘हमने एक बहुत अलग चीन देखा।

शशि थरूर ने कहा कि हमारे पड़ोस में क्या चुनौतियां हैं, इस बारे में हमें कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी भारत ने अपने विरोधियों के साथ हमेशा संवाद और बातचीत का रास्ता चुना है।उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा विकास, व्यापार और आर्थिक वृद्धि पर ध्यान देने की कोशिश की है। चीन के साथ भारत का व्यापार आज भी रिकॉर्ड स्तर पर है। इसका मतलब ये नहीं कि भारत कोई दुश्मनी का रवैया अपनाए हुए है, लेकिन अगर हम चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते रिश्तों को नजरअंदाज करें, तो यह नासमझी होगी।

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