सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार हो : भारत

‘भविष्य के लिए साझेदारी' समझौते का किया समर्थन
Harish
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश
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न्यूयॉर्क : भारत ने वैश्विक सहयोग को मजबूत करने के लिए 'भविष्य के लिए साझेदारी' समझौते के कार्यान्वयन और समीक्षा के लिए अपनी सशक्त प्रतिबद्धता दोहराते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में तत्काल और समयबद्ध सुधारों का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने गुरुवार को एक अनौपचारिक वार्ता में जी-20, विश्व व्यापार संगठन, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में परस्पर सामंजस्य के महत्व का उल्लेख किया। भविष्य के लिए साझेदारी एक संयुक्त राष्ट्र समझौता है, जिसे सितंबर 2024 में आयोजित ‘समिट फॉर द फ्यूचर’ में अपनाया गया था, जिसका उद्देश्य वैश्विक सहयोग को मजबूत करना और वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों का समाधान करना है।

हरीश ने कहा कि हमें विशेष रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुधार पर, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे में सुधार पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यहां कोई बदलाव नहीं हुआ है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर कहा कि कि अधिकांश लोग इस बात से सहमत हैं कि इस निकाय को वर्तमान वैश्विक राजनीतिक स्थिति को दर्शाना चाहिए और परिषद की विश्वसनीयता बढ़नी चाहिए। हरीश ने यह भी कहा कि जो लोग वर्तमान स्थिति को बनाए रखना चाहते हैं, उनके (कुत्सित) प्रयासों का विरोध किया जाना चाहिए।

भारत सुरक्षा परिषद में वर्षों से जारी सुधार के प्रयासों में सबसे आगे रहा है। भारत का कहना है कि वह इस परिषद का स्थायी सदस्य बनने का पूरा हकदार है, क्योंकि वर्तमान संरचना 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं से मेल नहीं खाती है। हरीश ने अपने संबोधन में कहा कि भारत समझौते और इसके अनुबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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