सनातन धर्म पर दिए विवादित बयान पर अड़े उदयनिधि स्टालिन, अब राष्ट्रपति का किया जिक्र | Sanmarg

सनातन धर्म पर दिए विवादित बयान पर अड़े उदयनिधि स्टालिन, अब राष्ट्रपति का किया जिक्र

चेन्नई: सनातन धर्म पर दिए विवादित बयान को लेकर तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने माफी मांगने से मना कर दिया है। उनके इस विवादित बयान पर सियासी हमले लगातार हो रहे हैं। बीजेपी उनसे माफी मांगने की बात कह रही है। उदयनिधि अपने बयान पर कायम और उन्होंने अपने बयान का बचाव किया है। इस बीच नई संसद के उद्घाटन में निमंत्रण को लेकर उन्होंने बयान देते हुए कहा है कि माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नई संसद के उद्घाटन के मौके पर नहीं बुलाया गया। ये सनातन धर्म का बेहतरीन उदाहरण है।

BJP उदयनिधि के बयान को लेकर विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. पर सवाल खड़े कर रही है। उनके द्वारा गठबंधन की ओर से माफी की भी मांग की गई है। विपक्षी गठबंधन में उदयनिधि के बयान को लेकर सबकी अलग-अलग राय है। कुछ पार्टियां उनके बयान का समर्थन कर रही हैं तो कुछ ने उदयनिधि को संयम बरतने की सलाह दी है।

सीएम ममता ने दी सलाह
उदयनिधि के बयान पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि मेरा उनसे विनम्र अनुरोध है कि हर धर्म की अलग-अलग अपनी भावनाएं होती हैं। किसी भी वर्ग को ठेस न पहुंचे इसका ध्यान रखना चाहिए। शायद वह जूनियर (स्टालिन) हैं और उन्हें यह बात नहीं पता होगी।

सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा कि भारत लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश है। विविधता में एकता ही हमारा मूल है इसलिए मैं सनातन धर्म का सम्मान करती हूं। हम मंदिर, मस्जिद, चर्च हर जगह जाते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध करते हुए कहा है कि हमें ऐसी किसी भी बात पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जिससे किसी को ठेस पहुंचे। हमें विविधता में एकता को याद रखना होगा।

 

सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान की अपील

बता दें कि उदयनिधि के बयान के खिलाफ CJI से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने का निवेदन किया गया है। पत्र लिखने वाले प्रतिष्ठित लोगों में हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीशों के साथ-साथ नौकरशाह शामिल हैं। चिट्ठी में लिखा है कि उदयनिधि स्टालिन की ओर से दिए गए नफरत भरे भाषण का स्वत: संज्ञान लिया जाए, जो सांप्रदायिक वैमनस्य और सांप्रदायिक हिंसा को भड़का सकता है।

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