कर संग्रह में दखलंदाजी कम करने का प्रयास करें : राष्ट्र्पति द्रौपदी मुर्मू

New Delhi: President Drouadi Murmu meets officer trainees of Indian Revenue Service (Customs and Indirect Taxes)  at Rashtrapati Bhawan, in New Delhi, Monday, Dec. 2, 2024. (PTI Photo)  (PTI12_02_2024_000133B)
New Delhi: President Drouadi Murmu meets officer trainees of Indian Revenue Service (Customs and Indirect Taxes) at Rashtrapati Bhawan, in New Delhi, Monday, Dec. 2, 2024. (PTI Photo) (PTI12_02_2024_000133B)
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नयी दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि कर संग्रह में दखलंदाजी की संभावना घटाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने इस प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी के अधिक इस्तेमाल की आवश्यकता को रेखांकित किया।

राष्ट्रपति भवन पहुंचे भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कर संग्रह के क्षेत्र में नये विचार और समाधान लाने की जिम्मेदारी युवा अधिकारियों पर है। उन्होंने कहा, 'कराधान न केवल देश का राजस्व बढ़ाने का जरिया है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के लिए भी अहम है। नागरिकों द्वारा चुकाए गए कर का इस्तेमाल देश और उसके लोगों के विकास के लिए किया जाता है।' राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि अगर वे अपना काम समर्पण और लगन से करेंगे तो देश के विकास में बड़ा योगदान दे सकेंगे। उन्होंने कहा, 'इस नये और गतिशील युग में कर संग्रह में हस्तक्षेप घटाने और प्रौद्योगिकी का अधिक इस्तेमाल करने का प्रयास किया जाना चाहिए।' मुर्मू ने कहा कि आईआरएस (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) 'हमारी अर्थव्यवस्था को एक समान कर प्रणाली और साझा प्रशासनिक मूल्यों के जरिये जोड़ता है।' उन्होंने कहा कि यह सेवा देश के कर प्रशासन में एकरूपता को बढ़ावा देती है। राष्ट्रपति ने कहा कि आईआरएस (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) देश को आर्थिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए संसाधनों का इस्तेमाल करने, सामाजिक-आर्थिक योजनाओं का संचालन करने तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने आदि में सक्षम बनाता है, जिससे राष्ट्र निर्माण में आईआरएस अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित होती है। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि प्रशासक के रूप में अपनी भूमिका निभाने के लिए उन्हें ऐसी प्रणालियां और प्रक्रियाएं विकसित करने की जरूरत है, जो पारदर्शी हों और जवाबदेही सुनिश्चित करें। मुर्मू ने कहा कि आईआरएस अधिकारी भारत सरकार और विभिन्न राज्यों के व्यापार एवं कर प्रशासन के बीच एक बहुत महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य में राष्ट्रीय हित का एजेंडा काफी हद तक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग से निर्धारित होता है। राष्ट्रपति ने कहा कि आईआरएस अधिकारी देश की आर्थिक सीमाओं के संरक्षक हैं और उन्हें हमेशा ईमानदारी एवं समर्पण के साथ काम करना होगा।

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