

नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह ऐसे कुशल प्रवासियों का देश में ‘स्वागत’ करेंगे जो अमेरिकी श्रमिकों को चिप और मिसाइल जैसे जटिल उत्पाद बनाने की तकनीक सिखाएंगे। ट्रंप ने साथ ही यह भी माना कि इस मुद्दे पर उन्हें अपने उस समर्थक वर्ग से थोड़ी आलोचना झेलनी पड़ सकती है, जो कड़ी आव्रजन पाबंदियों का समर्थन करता है।
ट्रंप ने बुधवार को अमेरिका-सऊदी अरब निवेश मंच को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका में बड़ी संख्या में संयंत्र बन रहे हैं जिनमें कई ‘बेहद जटिल’ कार्यों से जुड़े हैं और वे देश की आर्थिक वृद्धि में बड़ा योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि इन संयंत्रों में टेलीफोन, कंप्यूटर और मिसाइल जैसे अत्यधिक जटिल उत्पाद बनाए जाएंगे इसलिए कंपनियों को विदेशों से कुशल कर्मियों को लाना होगा जो अमेरिकी श्रमिकों को प्रशिक्षण दे सकें।
ट्रंप ने सऊदी अरब के ‘क्राउन प्रिंस’ मोहम्मद बिन सलमान की उपस्थिति में कहा, ‘मुझे थोड़ी आलोचना झेलनी पड़ सकती है… मेरे लोग, जो मुझे प्यार करते हैं और जिन्हें मैं प्यार करता हूं, उनका झुकाव प्राय: दक्षिणपंथ की ओर होता है, कभी-कभी बहुत ज्यादा।’ राष्ट्रपति ने कहा, ‘कंपनियों को अपने लोग लाने होंगे ताकि कारखाने शुरू हो सकें। हम चाहते हैं कि वे आएं और हमारे लोगों को कंप्यूटर चिप और अन्य चीजें बनाना सिखाएं।… उन्हें हजारों लोगों को साथ लाना पड़ेगा और मैं उनका स्वागत करूंगा।’
अमेरिकी कंपनियां एच-1बी और एल1 वीजा का उपयोग करके विदेशी उच्च-कुशल कर्मियों को नियुक्त करती हैं। ट्रंप प्रशासन अवैध आव्रजन पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है और उनके कई समर्थकों ने यह कहते हुए एच-1बी वीजा प्रणाली पर भी सख्ती बढ़ाने की मांग की है कि इसका दुरुपयोग हो रहा है और इससे अमेरिकी बेरोजगार हो रहे हैं।